The News Air – देश में ओमिक्रॉन संक्रमण के मामले 200 के पार हो गए हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित राज्यों में दिल्ली और महाराष्ट्र शामिल हैं। दोनों राज्यों में ओमिक्रॉन के 54-54 मामले मिले हैं। इसमें ख़तरे की बात यह है कि देश में पहले 100 मामले 15 दिन में मिले थे, लेकिन 100 से 200 मामले होने में सिर्फ़ 5 दिन का समय लगा।
देश में ओमिक्रॉन के सबसे पहले दो मामले 2 दिसंबर को कर्नाटक में मिले थे। 14 दिसंबर को मामले बढ़कर 50 हुए। 17 दिसंबर को मामलों की संख्या 100 हुई। अगले 100 केस होने में सिर्फ़ 5 दिन लगे। देश के 13 राज्यों में ओमिक्रॉन के मामले सामने आए हैं। ओमिक्रॉन के बारे में दुनियाभर के वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी संक्रमण दर बहुत ज़्यादा है। देश में ओमिक्रॉन के आंकड़ों को देखकर कहा जा सकता है कि इसके संक्रमण की रफतार बढ़ गई है।
अमेरिका में ओमिक्रॉन से पहली मौत दर्ज़ हुई
अमेरिका के टेक्सास में ओमिक्रॉन वैरिएंट से पहली मौत हुई है। स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि इस व्यक्ति ने वैक्सीन की एक भी डोज़ नहीं लगवाई थी। मृतक की उम्र 50-60 साल के बीच बताई जा रही है। अमेरिका के सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक़, 11 दिसंबर को समाप्त हुए हफ़्ते में नए कोरोना केस में 73.2% मामले ओमिक्रॉन के हैं। इससे पहले ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के चलते एक शख़्स की मौत हो चुकी है।
नीति आयोग ने दी थी संक्रमण बढ़ने की चेतावनी
भारत में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा था कि अगर हम ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के संक्रमण का पैमाना देखें और भारत की आबादी से उसकी तुलना करें तो कहा जा सकता है कि संक्रमण फैलने पर भारत में रोज़ाना 14 लाख केस आएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि हर केस की जीनोम सीक्वेंसिंग नहीं की जा सकेगी।
हर सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग संभव नहीं
डॉ. पॉल ने कहा था कि दुनिया में दूसरे नंबर पर भारत में जीनोम सीक्वेंसिंग की जा रही है और इसे लगातार बढ़ाया ही जा रहा है। उन्होंने कहा कि हर केस की जीनोम सीक्वेंसिंग करना संभव नहीं होगा। यह बीमारी को पहचानने का नहीं, बल्कि महामारी का आंकलन और इसकी निगरानी करने का टूल है। हम इस बात का भरोसा दिला सकते हैं कि फ़िलहाल पर्याप्त सिस्टेमेटिक सैंपलिंग की जा रही है।