Bhindranwale Flag Controversy in Himachal – हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में जरनैल सिंह भिंडरांवाले (Jarnail Singh Bhindranwale) के झंडों को हटाने को लेकर विवाद गहरा गया है। श्री अकाल तख्त साहिब (Sri Akal Takht Sahib) के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज (Giani Kuldeep Singh Gadhgaj) ने इस घटना पर नाराजगी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि भिंडरांवाले सिख कौम के शहीद हैं और हिमाचल में सिखों व पंजाबियों के खिलाफ हो रहा उत्पीड़न अस्वीकार्य है।
अकाल तख्त जत्थेदार की कड़ी प्रतिक्रिया
हिमाचल में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पुलिस की मौजूदगी में सिख झंडों और भिंडरांवाले की तस्वीरों को फाड़े जाने की घटना ने सिख समुदाय में आक्रोश पैदा कर दिया है। जत्थेदार ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) से इस मामले में सख्त कार्रवाई की मांग की है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इस तरह की घटनाओं को रोका नहीं गया, तो यह सामाजिक सौहार्द के लिए खतरनाक हो सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि समाज में अशांति भी फैला सकती हैं।
सिखों को सतर्क रहने की अपील
जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज ने हिमाचल जाने वाले सिखों को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि सिख समुदाय के लोग जब भी हिमाचल यात्रा करें, तो अपने वाहन के सभी दस्तावेज पूरे रखें और अकेले यात्रा करने से बचें।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, जहां सभी को धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार है। हिमाचल प्रदेश पुलिस (Himachal Pradesh Police) को कानून-व्यवस्था बनाए रखने पर ध्यान देना चाहिए और असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
सिख समुदाय में बढ़ रहा गुस्सा
इस घटना के बाद सिख समुदाय में नाराजगी बढ़ती जा रही है। कई सिख संगठनों ने हिमाचल प्रदेश सरकार से इस मामले में सख्त कदम उठाने की मांग की है। उनका कहना है कि सिखों के धार्मिक प्रतीकों और भावनाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।
क्या बोले मुख्यमंत्री सुक्खू?
अब तक मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन जत्थेदार की चेतावनी के बाद इस मामले में कोई बड़ा कदम उठाया जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश में सिख झंडों को हटाने का विवाद तेजी से बढ़ रहा है। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और सरकार से ठोस कदम उठाने की मांग की है। यह मामला जल्द ही राजनीतिक और धार्मिक विवाद का रूप ले सकता है, इसलिए सरकार को समय रहते उचित कार्रवाई करनी होगी।