नई दिल्ली 08 जनवरी (The News Air) दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास (CM Residence) और प्रधानमंत्री आवास (PM Residence) को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) और राज्यसभा सांसद संजय सिंह (Sanjay Singh) बुधवार को मीडिया के साथ ‘शीशमहल’ (Sheeshmahal) देखने पहुंचे।
हालांकि, पुलिस ने उन्हें 6, फ्लैगस्टाफ रोड (Flagstaff Road) स्थित बंगले में प्रवेश करने से रोक दिया। मौके पर बैरिकेड्स और पुलिस तैनात कर दी गई, जिससे आप नेताओं को आवास परिसर में जाने की अनुमति नहीं दी गई।
आज बीजेपी ने हमें रोककर साबित कर दिया है कि प्रधानमंत्री आवास में 12-12 करोड़ की गाड़ियां, 5,000 सूट, 200 करोड़ के झूमर, लाखों के Pen और करोड़ों की कालीनें हैं।
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— AAP (@AamAadmiParty) January 8, 2025
AAP नेताओं का सवाल: ‘किसके आदेश पर रोका?’ : मीडिया से बात करते हुए सौरभ भारद्वाज ने अधिकारियों से पूछा, “मैं एक मंत्री हूं और निरीक्षण के लिए आया हूं। मुझे रोकने का आदेश किसने दिया? क्या ये निर्देश उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) से मिले हैं?” उन्होंने आगे कहा कि “मुख्यमंत्री आवास करदाताओं के पैसे से बनाया गया है। हमें अंदर जाने की अनुमति क्यों लेनी चाहिए?”
BJP का आरोप: ‘शीशमहल’ में करोड़ों का खर्च : इस विवाद के केंद्र में BJP के आरोप हैं कि अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपने कार्यकाल के दौरान इस आवास को ‘शीशमहल’ में बदलने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए। BJP ने दावा किया है कि मुख्यमंत्री आवास में गोल्डन कमोड (Golden Commode), मिनी बार (Mini Bar) और स्विमिंग पूल जैसी सुविधाएं मौजूद हैं।
आप नेताओं का पलटवार : सौरभ भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा: “हम CM आवास में गोल्डन कमोड और मिनी बार ढूंढने आए हैं, जैसा कि BJP दावा कर रही है। अगर धन का दुरुपयोग हुआ है, तो इसकी पूरी जांच होनी चाहिए।” उन्होंने कहा कि ये सरकारी संपत्तियां हैं, जिन्हें कोविड महामारी (COVID-19 Pandemic) के दौरान बनाया गया था।
AAP-BJP के बीच बढ़ती सियासत : यह विवाद भाजपा और आप के बीच नई राजनीतिक लड़ाई का केंद्र बन गया है।
- BJP का कहना है कि मुख्यमंत्री आवास पर करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग किया गया है।
- AAP इसे राजनीतिक साजिश बता रही है और BJP पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगा रही है।
पुलिस और प्रशासन की स्थिति : पुलिस का कहना है कि उन्हें उच्च अधिकारियों से आदेश मिले थे कि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति को रोकने के लिए सुरक्षा तैनात की जाए। हालांकि, आप नेताओं ने इस पर सवाल खड़े किए हैं कि क्या यह आदेश उपराज्यपाल की ओर से आया है।