The News Air- (चंडीगढ़) पंजाब कांग्रेस प्रधान नवजोत सिद्धू का संगठन मॉडल कांग्रेस को पसंद नहीं आया। सिद्धू ने क़रीब 2 हफ़्ते पहले संगठन की लिस्ट कांग्रेस हाईकमान को भेजी थी। इसे वहीं रोक लिया गया है। यह लिस्ट पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी के पास अटकी हुई है।
चर्चा है कि सिद्धू ने संगठन बनाते वक़्त पार्टी के MLA और वरिष्ठ नेताओं की नहीं सुनी। सिद्धू ने अपने क़रीबी MLA और नेताओं से चर्चा कर लिस्ट तैयार कर दी। इससे कई विधायक और नेताओं ने नाखुशी ज़ाहिर की है। हालांकि इसे सही करने के लिए जल्द ही हरीश चौधरी और सिद्धू की मुलाक़ात हो सकती है।
सिद्धू ने दिया यह फार्मूला
सिद्धू राज्य की तरह ही ज़िले में संगठन बनाना चाहते हैं। राज्य में सिद्धू प्रधान और 4 वर्किंग प्रधान हैं। ज़िला कमेटियों में एक प्रधान और 2 वर्किंग प्रधान बनाने का प्रपोज़ल दिया है। राज्य में कांग्रेस की 29 ज़िला कमेटी हैं। इसमें इस फ़ॉर्मूले से 89 नेताओं को एडजस्ट किया गया है। हालांकि इसमें जिन नेताओं के नाम चुने गए हैं, सब सिद्धू या फिर उनके करीबियों के क़रीबी हैं। यही वजह है कि कांग्रेस हाईकमान इसको लेकर ख़ुश नहीं है।
सिद्धू पक्ष का तर्क- यह लिस्ट मेरिट पर, बाक़ी करीबियों को चाह रहे
सिद्धू के क़रीबी लोगों का तर्क है कि पंजाब में कांग्रेस संगठन की लिस्ट में मेरिट के आधार पर चेहरे शामिल किए गए हैं। इसके उलट कुछ MLA और नेता अपने करीबियों को कुर्सी दिलाना चाहते हैं, जिनका कोई ज़्यादा आधार या फिर पूरी तरह स्वीकार्यता नहीं है। अगर उन्हें पद दिया जाएगा तो फिर संगठन में निचले स्तर पर कोई बदलाव नहीं आ पाएगा। वर्कर भी इससे नाराज़ होंगे। सूत्रों की मानें तो सिद्धू संगठन से लेकर टिकट बँटवारे तक अपनी छाप छोड़ने के लिए उत्सुक हैं।
CM और चौधरी ब्लॉक प्रधानों से मिले, सिद्धू ग़ैरहाज़िर
CM चरणजीत चन्नी और पंजाब इंचार्ज हरीश चौधरी ने सोमवार को चंडीगढ़ में कांग्रेस के ब्लॉक प्रधानों की मीटिंग बुलाई। इसमें सिद्धू ग़ैरहाज़िर थे। इसको लेकर 2 तरह की चर्चाएं चल रही हैं। कुछ कह रहे हैं कि सिद्धू को बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं आए, जबकि संगठन प्रधान होने के नाते उनका इस मीटिंग में शामिल होना ज़रूरी था। कुछ का यह भी तर्क है कि इस मीटिंग को बुलाने से लेकर सिद्धू को संदेश भेजने में कोई उत्साह नहीं था, जिससे सिद्धू नहीं आए।