The News Air – (चंडीगढ़) पंजाब में सरकारी और प्राइवेट नौकरियों में पंजाबियों का कोटा फिक्स करने के लिए कैबिनेट की सब कमेटी बना दी गई है। यह सब कमेटी वित्तमंत्री मनप्रीत बादल की अगुवाई में बनी है। पंजाब सरकार नौकरी के क़ानून में बदलाव करेगी। यह भी देखेगी कि किस विभाग में कितनी नौकरी है। कैबिनेट में पंजाबियों के लिए 75% कोटा फिक्स करने पर मंथन हुआ है।
सरकार के मुताबिक़ इस पर जल्द फ़ैसला होगा। वहीं, पहले से काम कर रहे दूसरे राज्यों के कर्मचारियों को नहीं हटाया जाएगा। आगे से नई प्रक्रिया लागू होगी।
इसके अलावा नया एडवोकेट जनरल लगाने पर भी चर्चा हुई। कैबिनेट ने सीएम चरणजीत चन्नी को इसके अधिकार दे दिए हैं। कल तक नए एजी की नियुक्ति हो सकती है। परसों यानी 18 नवंबर को हाईकोर्ट में बहुचर्चित ड्रग केस की सुनवाई है।
इसके अलावा पंजाब सरकार 5 हज़ार होमगार्ड जवानों की भर्ती करेगी। कोरोना काल में काम करने वाले सेहत कर्मियों को नहीं हटाया जाएगा। उन्हें दोबारा काम पर रखकर सीनियोरिटी के हिसाब से परमानेंट किया जाएगा। यह काम अब सर्विस सेलेक्शन बोर्ड से वापस लेकर सेहत विभाग को पॉलिसी बनाने के लिए दे दिया गया है। नवजोत सिद्धू ने मंगलवार सुबह ही इन कर्मचारियों की भूख हड़ताल ख़त्म करवाई थी।
कैप्टन को भी घर-घर रोज़गार से मिला था समर्थन
नौकरी में आरक्षण का मुद्दा इसलिए अहम है, क्योंकि पंजाब में नौकरियों को लेकर सरकार सवालों के घेरे में है। 2017 के चुनाव में कैप्टन अमरिंदर सिंह ने भी घर-घर रोज़गार की बात कही थी। जिससे कैप्टन को चुनाव में ख़ूब समर्थन मिला। यह बात अलग है कि लोगों ने इसे सरकारी नौकरी का वादा समझा, लेकिन कैप्टन ने प्राइवेट नौकरियां दिलवाई।
हरियाणा से ठोस क़ानून ला रहे
सीएम चन्नी कह चुके हैं कि पंजाब सरकार हरियाणा से ठोस क़ानून लेकर आ रही है। पंजाबियों की नौकरियां हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली के हिस्से में जा रही हैं। पंजाब में पिछले कुछ वर्षों से लगातार नौकरियों के लिए प्रदर्शन हो रहे हैं। नौजवान सरकार से नाराज़ हैं। ऐसे में सरकार इस दांव के ज़रिए सबको साधने की कोशिश में है। सूत्रों की मानें तो सरकारी और प्राइवेट सेक्टर में 75% कोटा तय करने की योजना बनाई गई है।
विरोधियों ने बताया चुनावी स्टंट
चन्नी सरकार के इस फ़ैसले को लेकर विरोधियों ने निशाने साधने शुरू कर दिए हैं। आम आदमी पार्टी विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि सीएम चन्नी यह जांच कराएं कि पंजाब के सरकारी विभाग में गैर पंजाबी कैसे भर्ती हो गए। यह सिर्फ़ कांग्रेस का चुनावी स्टंट है। भाजपा ने भी इसे सीएम चन्नी का सिर्फ़ चुनावी शिगूफा क़रार दिया।