The News Air (मुंबई)- पद्यश्री और एक्ट्रेस कंगना रनौत (kangana ranaut) ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने आज़ादी के महानायक महात्मा गांधी गांधी (Mahatma Gandhi) को सत्ता का भूखा और चालाक कहा है। उन्होंने सोशल साइट इंस्टाग्राम पर दो लंबे मैसेज किए हैं। एक मैसेज में अख़बार की एक पुरानी कटिंग लगाकर कंगना ने लिखा है- ‘या तो आप गांधी के फ़ैन हो सकते हैं या नेताजी के समर्थक। आप दोनों नहीं हो सकते। चुनें और फ़ैसला करें।’ कंगना ने इंस्टाग्राम स्टोरीज में जो संदेश लिखा है उसमें बापू को सत्ता का भूखा और चालाक बताने तक की हिमाकत कर दी, इससे पहले कंगना ने भारत को मिली आज़ादी को भीख कहा था।
कंगना ने ये भी दावा किया है कि महात्मा गांधी चाहते थे कि सरदार भगत सिंह सिंह (Bhagat Singh) को फांसी की सज़ा मिले। इससे पहले कंगना ने भारत को मिली आज़ादी को भीख कहा था। अब कंगना के ख़िलाफ़ राजस्थान (Rajasthan) की राजधानी जयपुर (Jaipur) में कांग्रेस नेता ने शिकायत दर्ज़ कराई है। कंगना ने लिखा- ‘स्वतंत्रता के लिए लड़ने वालों को उन लोगों ने अपने मालिकों को सौंप दिया, जिनमें अपने ऊपर अत्याचार करने वालों से लड़ने की ना तो हिम्मत थी, ना ही ख़ून में उबाल। ये सत्ता के भूखे और चालाक लोग थे। ये वही थे जिन्होंने हमें सिखाया अगर कोई तुम्हें एक गाल पर थप्पड़ मारे तो उसके आगे दूसरा गाल कर दो और इस तरह तुमको आज़ादी मिल जाएगी। इस तरह से आज़ादी नहीं सिर्फ़ भीख मिलती है। अपने हीरो समझदारी से चुनें।’
दूसरे पोस्ट में कंगना ने क्या लिखा?
दूसरे पोस्ट में कंगना रनौत ने लोगों को इतिहास के बारे में जानने की सीख दी और लिखा कि गांधीजी चाहते थे भगत सिंह को फांसी हो। कंगना ने लिखा- ‘गांधी ने कभी भगत सिंह और नेताजी को सपोर्ट नहीं किया। कई सबूत हैं जो इशारा करते हैं कि गांधीजी चाहते थे कि भगत सिंह को फांसी हो जाए, इसलिए आपको चुनना है कि आप किसके समर्थन में हैं, क्योंकि उन सबको अपनी यादों में एक साथ रख लेना और हर साल उनकी जयंती पर याद कर लेना ही काफ़ी नहीं है। सच कहें तो ये महज़ मूर्खता नहीं बल्कि बेहद गैरजिम्मेदाराना और सतही है। लोगों को अपना इतिहास और अपने हीरो पता होने चाहिए।’
आज़ादी पर दिए बयान पर चल रहा विवाद
बीते दिनों एक मीडिया से बातचीत में कंगना रनौत ने बयान दिया था कि देश को असली आज़ादी 2014 में मिली है। इससे पहले स्वाधीनता गांधीजी को कटोरे में भीख में मिली थी। उन्होंने कांग्रेस को ब्रिटिश शासन के आगे का रूप बताया था।