मुंबई: Aryan Khan Drug Case मामला अब राजनीतिक स्तर पर युद्ध का मैदान बन गया है। 9 नवंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने नवाब मलिक (Nawab Mali) पर अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन होने का आरोप लगाए थे। उनके आरोपों का जवाब देते हुए मलिक ने आज यानी 10 नवंबर को उन पर जाली नोट का धंधा चलाने का इल्ज़ाम लगा दिया। मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि तत्कालीन सरकार के सरंक्षण में जाली नोटों का धंधा होता था। इस बीच वानखेड़े परिवार ने मलिक के ख़िलाफ़ 2 केस दर्ज़ करा दिए हैं।
फडणवीस के इशारे पर होता जाली नोटों का धंधा
मलिक ने आरोप लगाया फडणवीस पूरे मामले को घुमा रहे हैं। फडणवीस के संरक्षण में जाली नोटों का धंधा होता था। वो उनके जाने के एक साल बाद तक जारी रहा। उन्होंने विदेशों से आए फ़ोन के बाद कई कुख्यात लोगों के केस सुलझाए। फडणवीस के इशारे पर वसूली होती थी। फडणवीस ने राजनीति का अपराधीकरण किया। फडणवीस ने हैदर आज़म नाम के एक नेता को फाइनेंस कार्पोरेशन का अध्यक्ष बनाया था, जबकि वो बांग्लादेश के लोगों को अवैध तरीक़े से मुंबई में बसाता है। उसकी दूसरी पत्नी बांग्लादेशी है। यह मामला पुलिस में है। हालांकि सीएम हाउस से फ़ोन आने के बाद उसे दबा दिया गया। मलिक ने आरोप लगाया कि नागपुर के कुख्यात गुंडा ( मुन्ना यादव) को कंस्ट्रक्शन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया था। मलिक ने सवाल उठाया कि क्या आप की गंगा में मुन्ना यादव नहाकर पवित्र हो गया था?
मलिक ने नोटबंदी का ज़िक्र किया
नवाब मलिक ने 8 नवंबर 2016 को हुई नोटबंदी का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब मोदी जी ने कहा था कि वे बड़े पैमाने पर जाली नोट ख़त्म करने के लिए नोटबंदी कर रहे हैं। तब देशभर में जाली नोट पकड़े जाने लगे, लेकिन महाराष्ट्र में ऐसा नहीं हुआ। क्योंकि देवेंद्र जी के संरक्षण में जाली नोटों का खेल चल रहा था। 8 अक्टूबर 2017 को BKC में डायरेक्टर इंटेलिजेंस रेवेन्यू ने एक छापेमारी की थी, इसमें 14 करोड़ के जाली नोट पकड़े गए थे। मलिक ने कहा कि जाली नोटों का यह कलेक्शन ISI और पाकिस्तान-बांग्लादेश से था। मलिक ने उदाहरण देते हुए बताया कि मुंबई से इमरान आलम शेख और पुणे से रियाज़ शेख के अलावा नवी मुंबई जाली नोट मामले में एक गिरफ़्तारी हुई थी। इनके पास से 14 करोड़ 56 लाख की जब्ती हुई थी, लेकिन उसे 8 करोड़ 80 लाख रुपए बताया गया। बाद में मामला दबा दिया गया। मलिक ने कहा कि पाकिस्तान से आए जाली नोट भारत में चलें, मामला दर्ज़ हों, तब भी आरोपियों की ज़मानत हो जाती है। कोई भी मामला NIA तब नहीं जाता।
समीर वानखेड़े को बचा रहे फडणवीस
मलिक ने समीर वानखेड़े का ज़िक्र करते हुए कहा कि पूर्व सीएम वानखेड़े को बचाने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि वो उनका क़रीबी है। देवेंद्र फडणवीस के इशारे पर ही महाराष्ट्र में उगाही चल रही थी। चाहे बिल्डर्स हों या फिर कोई झगड़ा, सबसे पैसा उगाहा जाता था। यह भी कहा जाता है कि जब विदेश से अंडरवर्ल्ड से फ़ोन आ जाता था, तो पुलिस मामला ठंडे बस्ते में डाल देती थी। मलिक ने आरोप लगाया कि फडणवीस के उस अधिकारी(वानखेड़े) से पुराने रिश्ते हैं। मलिक ने कहा कि 2008 में कोई अधिकारी नौकरी शुरू करता है और 14 साल से मुंबई शहर छोड़ता नहीं इसके पीछे क्या राज़ है?
राज्यपाल से मिला वानखेड़े परिवार
9 नवंबर को समीर मलिक के परिवार ने औरंगाबाद में मलिक के ख़िलाफ़ Sc/St एक्ट के तहत शिकायत दर्ज़ कराई है। इधर, समीर वानखेड़े के पिता ध्यानदेव वानखेड़े (Dhyandev Wankhede) और समीर की पत्नी क्रांति रेडकर वानखेड़े ने महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाक़ात करके मामले से अवगत कराया। गवर्नर ने वानखेड़े परिवार को आश्वासन दिया है कि सब ठीक हो जाएगा। ध्यानदेव ने कह कहा कि उन्होंने राज्यपाल से मलिक की शिकायत नहीं की है, लेकिन ये सच की लड़ाई है। इसे वे लड़ते रहेंगे। एक FIR समीर की साली ने गोरेगांव थाने में दर्ज़ कराई है। वहीं, वानखेड़े के परिवार ने 1.2 करोड़ रुपए का मानहानि (defamation ) का दावा भी किया है।
नवाब मलिक का दाऊद इब्राहिम गैंग से संबंध
Aryan Khan Drug Case मामले में लगातार आक्रामक रहे महाराष्ट्र सरकार में कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस(Devendra Fadnavis) पर ड्रग माफ़िया होने का आरोप लगाया था। फडणवीस ने 9 नवंबर की दोपहर को इसका जवाब दिया। उन्होंने नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड से रिश्तों का सनसनीखेज़ खुलासा किया है। फडणवीस ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा है। नवाब मलिक ने दाऊद इब्राहिम के गैंग से ज़मीनी ख़रीदें। ये ज़मीनें मुंबई में ब्लास्ट करने के आरोपियों की हैं। बता दें कि फडणवीस ने कहा था कि वे दिवाली के बाद बम फोड़ेगे।
मलिक बोले-मैंने सलीम पटेल से खरीदी थी ज़मीन
हालांकि 9 नवंबर को ही मलिक ने फडणवीस के आरोपों पर इतना जरुर कहा था कि उन्होंने किसी बम धमाके के आरोपी से ज़मीन नहीं खरीदी है। मलिक ने कहा था-‘मैंने सलीम पटेल (Salim Patel) नाम के शख़्स से ज़मीन खरीदी थी। उन्होंने कहा, ‘देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मैंने ज़मीन ख़रीद ली और उसमें फ़र्ज़ी किरायेदार रख लिए। लेकिन ऐसा नहीं है। वहाँ पर सोसायटी है। उसके पीछे जो ज़मीन है, वहाँ बड़े पैमाने पर झुग्गी झोपड़ियां हैं। वहाँ मेरा एक गोदाम है, वह ज़मीन लीज पर थी। उसी में हमारी 4 दुकानें भी थीं।’ मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि मैंने मदीनतुल अमान की सोसायटी से ज़मीन ली थी। उसे 20 रुपये फुट में ख़रीदने के आरोप ग़लत हैं। कहा कि उनके पास उस सोसायटी की ज़मीन में से महज़ 8 दुकानें ही हैं।’