नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Covid 19) के ख़िलाफ़ जारी वैक्सीनेशन को और रफतार मिलेगी। केंद्र सरकार ने जाइडस कैडिला (Zydus Cadila) की तीन ख़ुराक वाले टीके ‘जाइकोव-डी’ की एक करोड़ ख़ुराक ख़रीदने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही यह टीका राष्ट्रीय कोरोना वायरस रोधी टीकाकरण अभियान में इस महीने शामिल हो जाएगा। ये वैक्सीन नीडल फ्री वैक्सीन (Needle Free Vaccine) है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में विकसित दुनिया के पहले डीएनए-आधारित कोविड-19 टीके को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने के लिए शुरुआती क़दमों को हरी झंडी दिखा दी है। शुरुआत में इसे वयस्कों को लगाने में प्राथमिकता दी जाएगी। जाइकोव-डी पहला ऐसा टीका है जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 साल या उससे ज़्यादा उम्र के लोगों के टीकाकरण के लिए मंजूरी दी है।
जाइडस कैडिला (ZyCoV-D) वैक्सीन को 20 अगस्त को आपातकाल इस्तेमाल के लिए अनुमति मिल चुकी है. जाइडस कैडिला का टीका जाइकोव-डी पहला ऐसा टीका है जिसे भारत के औषधि नियामक ने 12 साल या उससे अधिक उम्र के किशोरों को लगाने की मंजूरी दी है। केंद्र जाइडस कैडिला को जाइकोव-डी टीके की एक करोड़ ख़ुराक के लिए ऑर्डर दे चुका है, जिसकी क़ीमत कर को छोड़कर क़रीब 358 रुपये है।
इस क़ीमत में 93 रुपये की लागत वाले ‘जेट एप्लीकेटर’ का ख़र्च भी शामिल है। इसकी मदद से ही टीके की ख़ुराक दी जाएगी। सूत्र ने बताया, सीमित उत्पादन क्षमता की वजह से शुरू में सिर्फ़ वयस्कों को ही यह टीका दिये जाने की संभावना है। कंपनी के अधिकारियों ने मंत्रालय को बताया कि जाइडस कैडिला प्रति माह जाइकोव-डी की एक करोड़ ख़ुराक मुहैया कराने की स्थिति में है।
28 दिनों के अंतराल में दिए जाएगा टीका
इसके तीन ख़ुराकों को 28 दिनों के अंतराल पर दिया जाना है। देश में विकसित यह दुनिया का पहला ऐसा टीका है जो डीएनए-आधारित एवं सुई-रहित है। जाइकोव-डी को 20 अगस्त को दवा नियामक से आपातकालीन इस्तेमाल के लिये मंजूरी मिली थी।