अगर आप म्यूचुअल फंड्स में इनवेस्ट करते हैं तो आपको इंडियन म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के बारे में कुछ बातें जान लेनी चाहिए। इंडियन म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री (Mutual Fund Industry) करीब 40 लाख करोड़ रुपये की हो गई है। म्यूचुअल फंड की स्कीमों की कुल 39 कैटेगरी हैं, जो कुल 386 इक्विटी स्कीमें ऑफर करती हैं। 314 डेट स्कीमें हैं। 138 हाइब्रिड फंड्स हैं। 163 इंडेक्स फंड्स हैं। 155 एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स हैं। 39 गोल्ड और सिल्वर फंड्स हैं। 66 इंटरनेशनल फंड्स हैं। ये डेटा यह अंदाजा लगाने के लिए काफी हैं कि पिछले कुछ सालों में इंडियन म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का आकार कितना बड़ा हो गया है। अहम सवाल यह है कि इनमें से आप अपने लिए किस तरह बेस्ट स्कीम का चुनाव करते हैं।
क्या है MC30?
इस काम में मनीकंट्रोल का MC30 आपकी मदद करता है। यह चुनी गई 30 स्कीमों का बास्केट है। इसका मकसद करीब 1000 स्कीमों में से आपके लिए बेस्ट स्कीम पेश करना है, जो आपकी जरूरतों के हिसाब से होंगी। इन्हें एक खास रेटिंग और रैंकिंग सिस्टम के आधार पर सेलेक्ट किया गया है। इस दौरान रिस्क और रिटर्न सहित कई मानकों का ख्याल रखा गया है।
MC30 की शुरुआत कब हई थी?
MC30 की शुरुआत अगस्त 2021 में हुई थी। हर कैलेंडर ईयर की पहली तिमाही में MC30 के बास्केट को अपडेट किया जाता है। आइए अब देखते हैं कि 2022 में MC30 का प्रदर्शन कैसा रहा। पिछला साल कई एसेट क्लास के लिए अच्छा नहीं था। 2022 की पहली छमाही में स्टॉक मार्केट में गिरावट आई। इसमें यूक्रेन-रूस लड़ाई, बढ़ते इनफ्लेशन और ग्लोबल रिसेशन की आशंका का हाथ रहा।
2022 रिटर्न के लिए मुश्किल साल
2022 की दूसरी छमाही में इंडियन स्टॉक मार्केट में अच्छी रिकवरी दिखी। ग्लोबल इकोनॉमी के मुकाबले इंडियन इकोनॉमी की मजबूत हालत की वजह से ऐसा हुआ। लार्जकैप और मिडकैप शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिली। स्मॉलकैप शेयर इनवेस्टर्स को खुश करने में नाकाम रहे।
कैसा रहा फंड्स का प्रदर्शन?
साल 2022 में एक्टिवली मैनेज्ड इक्विटी डायवर्सिफायड स्कीमों का प्रदर्शन मिलाजुला रहा। करीब एक-चौथाई स्कीमों ने निगेटिव रिटर्न दिए। निवेश के लिए शेयरों का चुनाव करने में फंड मैनेजर्स को बहुत मेहनत करनी पड़ी, क्योंकि ज्यादातर फंड मैनेजर्स का मानना था कि इंडियन शेयरों की वैल्यूएशंस ज्यादा थी। ग्रोथ आधारित इक्विटी फंडों को रिटर्न देने में काफी संघर्ष करना पड़ा। वैल्यू स्टॉक्स का प्रदर्शन अच्छा रहा। इससे वैल्यू थीम आधारित स्कीमों का प्रदर्शन भी अच्छा रहा। कई हाइब्रिड फंडों ने इक्विटी में अपना निवेश घटाया।
2022 में धीरे-धीरे डेट फंडों में दिलचस्पी बढ़ी। RBI के लगातार इंटरेस्ट रेट्स बढ़ाने से शॉर्ट-टर्म डेट फंड्स अट्रैक्टिव हो गए। अमेरिका में रिसेशन और ज्यादा इंटरेस्ट रेट्स की वजह से इंटरनेशनल फंड्स का हाल बुरा रहा। खासकर अमेरिकी टेक्नोलॉजी फंड्स का प्रदर्शन बहुत खराब रहा। इनवेस्टमेंट क्लास के रूप में गोल्ड ने 2022 में 14 फीसदी रिटर्न दिया।
MC30 से इनवेस्टर्स को मिली मदद
MC30 की 90 फीसदी एक्टिवली मैनेज्ड स्कीमों का प्रदर्शन पिछले पांच साल में (31 दिसंबर, 2022 को खत्म) कैटेगरी के औसत से बेहतर रहा। 66 फीसदी एक्टिवली मैनेज्ड स्कीमों का प्रदर्शन उनसे संबंधित बेंचमार्क से बेहतर रहा। हमारी कोशिश MC30 बास्केट में कम से कम बदलाव करने की होती है। हम अपने रीडर्स को स्कीमों में निवेश को लंबी अवधि तक बनाए रखने की सलाह देते हैं। हालांकि, कुछ स्कीमों के प्रदर्शन में गिरावट देखने को मिलती है। कई बार फंड मैनेजर्स के फैसले गलत साबित होते हैं या उनकी रणनीति लंबी अवधि में बेहतर नतीजे देने में नाकाम रहती है। ऐसा होने पर हम स्कीम को MC30 में बनाए रखने की कोशिश नहीं करते हैं।