Pakistan Violence Against Punjabis: पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) में पंजाबी मूल के लोगों पर हो रहे हमले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा घटना में बरखान (Barkhan) जिले में मंगलवार देर रात 7 पंजाबियों को बस से उतारकर मौत के घाट उतार दिया गया। अज्ञात बंदूकधारियों ने यात्रियों के पहचान पत्र (ID Cards) की जांच की और पंजाबी मूल के लोगों की पहचान होने पर उन्हें लाइन में खड़ा कर गोलियों से भून दिया।
कैसे हुआ हमला?
बलूचिस्तान पुलिस के अनुसार, लगभग 40 हथियारबंद विद्रोहियों ने कई बसों को रोका और उनमें सवार यात्रियों को नीचे उतारकर उनके पहचान पत्र चेक किए। इसके बाद 7 यात्रियों को उनकी पंजाबी पहचान के कारण गोली मार दी गई। यह भयावह घटना बरखान-डेरा गाजी खान हाईवे (Barkhan-Dera Ghazi Khan Highway) पर हुई।
बरखान के डिप्टी कमिश्नर वकार खुर्शीद आलम (Waqar Khurshid Alam) ने बताया कि हमलावरों ने पंजाब के लाहौर (Lahore) जा रही एक बस को निशाना बनाया। उन्होंने कहा, “हथियारबंद विद्रोहियों ने 7 यात्रियों को उतारा, उनके पहचान पत्र देखे और पंजाबी होने की पुष्टि होते ही गोली मार दी।”
मौत के बाद आतंकियों का फरार होना
हमलावरों ने हत्याओं को अंजाम देने के बाद मौके से फरार हो गए। मारे गए सभी लोगों के शवों को जिला मुख्यालय अस्पताल (District Headquarters Hospital) भेजा गया है। सुरक्षा बलों ने इलाके को घेर लिया है और हत्यारों की तलाश की जा रही है।
बलूचिस्तान में क्यों बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं?
बलूचिस्तान में पंजाबियों के खिलाफ नफरत कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तान की सेना और सरकार में पंजाबी समुदाय का वर्चस्व है, जिसके चलते बलूच विद्रोही अक्सर पंजाबियों को निशाना बनाते हैं।
बीते कुछ वर्षों में बलूचिस्तान में ऐसे कई हमले हुए हैं:
- अप्रैल 2024: दो अलग-अलग घटनाओं में 11 पंजाबियों की हत्या।
- मई 2024: ग्वादर (Gwadar) में 7 पंजाबी नाइयों को मौत के घाट उतार दिया गया।
- अगस्त 2024: मूसाखेल (Musakhel) जिले में 23 यात्रियों को बस और ट्रक से उतारकर गोली मार दी गई।
अब तक इस ताजा हमले की जिम्मेदारी किसी भी विद्रोही संगठन ने नहीं ली है, लेकिन संदेह बलूच अलगाववादी गुटों पर जा रहा है।
पाकिस्तानी सरकार की चुप्पी
बलूचिस्तान में लगातार बढ़ रही हिंसा पर इस्लामाबाद (Islamabad) की सरकार अब तक कोई ठोस कार्रवाई करने में विफल रही है। सरकार का कहना है कि वह अलगाववादियों से निपटने के लिए सैन्य अभियान चला रही है, लेकिन इसके बावजूद पंजाबी मूल के नागरिकों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
बलूचिस्तान में पंजाबी मूल के लोगों की हत्याओं का सिलसिला जारी है, और यह ताजा घटना दर्शाती है कि पाकिस्तान में जातीय और नस्लीय हिंसा किस हद तक बढ़ चुकी है। अगर इस पर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो आने वाले समय में स्थिति और खराब हो सकती है।