चंडीगढ़ (The News Air) पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने कहा है कि 2023-24 के लिए प्राथमिक क्षेत्र के लिए कुल ऋण क्षमता 2.73 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जोकि 2022-23 के अनुमानों की अपेक्षा 5 प्रतिशत के समूची वृद्धि को दिखाता है।
नाबार्ड के ‘स्टेट क्रेडिट सैमीनार 2023-24’ को संबोधित करने के दौरान यह प्रगटावा करते हुए वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि कुल ऋण योजना में फ़सलीय ऋण का हिस्सा 1.03 लाख करोड़ रुपए ( 38 प्रतिशत), कृषि सावधी ऋण 0.52 लाख करोड़ रुपए (19 प्रतिशत) और एम.एस.एम.ई. का 0.71 लाख करोड़ रुपए (26 प्रतिशत) और अन्य प्राथमिक क्षेत्र का 0.47 लाख करोड़ रुपए (17 प्रतिशत) है।
इस मौके पर स्टेट फोकस पेपर (एस.एफ.पी) 2023-24 और यूनिट लागत पुस्तिका जारी करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि नाबार्ड ने बैंकों, राज्य सरकारों के सम्बन्धित विभागों, किसानों, ग़ैर-सरकारी संगठनों और अन्य हिस्सेदारों के साथ सलाह-मशवरे और तालमेल में हरेक जिले के लिए प्राथमिक क्षेत्र के अधीन ऋण की संभावनाओं के मूल्यांकन करने की कवायद शुरू की है। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को राज्य स्तर पर एकत्रित किया गया है और एक स्टेट फोकस पेपर तैयार किया गया है, जो राज्य की आर्थिकता के प्राथमिक क्षेत्र के विभिन्न उप-क्षेत्रों के अधीन उपलब्ध समूची संभावनाओं को दर्शाता है।
वित्त मंत्री ने आगे कहा कि यह तसल्ली वाली बात है कि ‘स्टेट फोकस पेपर’ सहकारी क्षेत्र के विकास, फ़सलीय विभिन्नता, जैविक कृषि को प्रोत्साहित करने, किसान उत्पादक संगठन (एफ.पी.ओ) के विकास, कृषि में डिजिटल तकनीकी नवीनताओं को प्रोत्साहित करने और ‘‘फिनटेक’’ पर ज़ोर देता है, जो राज्य में सतत विकास के लिए अपेक्षित प्रेरणा प्रदान करेगा। उन्होंने कहा कि यह समय की ज़रूरत है कि इन उत्पादक संस्थाओं को कृषि-मूल्य श्रृंखला प्रणाली के अंदर और सहयोग दिया जाये।
ख़ासकर छोटे किसानों और ठेके पर खेती करने वाले किसानों के लिए ऋण की पहुँच को व्यापक और निचले स्तर तक पहुँचाने की निरंतर ज़रूरत पर ज़ोर देते हुए स. हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि हालाँकि वित्तीय वर्ष 2022 के दौरान 1.71 लाख करोड़ रुपए के ज़मीनी स्तर के कर्जे (जी.एल.सी) के साथ प्राथमिक क्षेत्र के कर्जे में 8 प्रतिशत का एक अच्छी वृद्धि हुई है, इस संदर्भ में स्व-सहायता समूहों (एस.एच.जी), संयुक्त देनदारी समूह (जे.एल.जी) और प्राथमिक एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटियों (पी.ए.सी.एस) जैसी ज़मीनी संस्थाओं को अपेक्षित तबदीली लाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। उन्होंने क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों, सहकारी बैंकों और प्राईमरी एग्रीकल्चरल क्रेडिट सोसायटियों, जो ज़मीनी स्तर के ग्राहकों के साथ नजदीकी रूप से जुड़े हुए हैं, को सलाह दी जाती है कि वह नाबार्ड से उपलब्ध सहायता के साथ एस.एच.जी. और जे.एल.जी को प्रोत्साहित करने में बड़ी भूमिका निभाएं।
इस दौरान वित्त मंत्री स. हरपाल सिंह चीमा ने बढिय़ा कारगुज़ारी वाले एफ.पी.ओज और एस.एच.जी. को अवॉर्डों से सम्मानित किया।
इस मौके पर अन्यों के अलावा प्रमुख सचिव वित्त श्री अजोए कुमार सिन्हा, सचिव वित्त कम डायरैक्टर इंस्टीट्यूशनल फाईनांस और बैंकिंग श्रीमति गरिमा सिंह, रीजनल डायरैक्टर आर.बी.आई. श्री एम.के. मल्ल और सी.जी.एम नाबार्ड पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय श्री रघुनाथ बी.वी उपस्थित थे।