जिन रहस्यमयी दांतों को जीवाश्म विज्ञानियों ने डायनासोर से जोड़ा है, उनमें से कुछ 1970 के दशक में और कुछ हाल में खोजे गए हैं। इनकी पहचान नैचुरल हिस्ट्री म्यूजियम और बिर्कबेक कॉलेज के रिसर्चर्स ने की। इस काम में मशीन लर्निंग तकनीकों का इस्तेमाल किया गया। रिसर्चर्स ने जिन दांतों का विश्लेषण किया, उन्हें ट्रोडोन्टिड और थेरिजिनोसॉरस डायनासोरों से जोड़ा जा रहा है। ये इन डायनासोरों के दुनिया में सबसे पुराने सबूत हैं।
यह अध्ययन पेलियोन्टोलॉजी जर्नल में प्रकाशित हुआ है। बताया गया है कि अपने निष्कर्षों तक पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने मशीन लर्निंग तकनीक का अच्छा इस्तेमाल किया। हरेक दांत का 3डी मॉडल तैयार किया, ताकि एआई उसके जीवाश्म की जानकारी दे सके। माना जाता है कि हमारी धरती से डायनासोरों का खात्मा एक एक एस्टरॉयड की टक्कर के बाद मचे विनाश से हुआ था। करोड़ों साल पहले हुई घटना ने उनका वजूद खत्म कर दिया। आज सिर्फ डायनासोरों के जीवाश्म मिलते हैं।
एक स्टडी में यह भी सामने आ चुका है कि जिस एस्टरॉयड की वजह से डायनासोर खत्म हो गए, उसी एस्टरॉयड ने उच्च तरंगों के साथ दुनिया भर में सुनामी को भी ट्रिगर किया। मिशिगन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का अध्ययन बताता है कि उस सुनामी ने समुद्र के तल को तहस-नहस करते हुए अपने निशान छोड़ दिए।