Illegal Religious Conversion Case में फंसे झांगुर बाबा (Jhangur Baba) पर योगी सरकार (Yogi Government) ने बड़ी कार्रवाई की है। मंगलवार को बलरामपुर (Balrampur) जिले के उतरौला (Utraula) क्षेत्र के मधपुर (Madphur) गांव में स्थित उसकी अवैध कोठी पर बुलडोजर चलाया गया। बताया गया कि यह कोठी अवैध रूप से सरकारी जमीन पर कब्जा करके बनाई गई थी और झांगुर इसी स्थान से अवैध धर्मांतरण रैकेट संचालित करता था।
सरकारी रिकॉर्ड में यह कोठी नीतू नवीन रोहरा उर्फ नसरीन (Neetu Naveen Rohra alias Nasreen) के नाम पर दर्ज है, जो झांगुर की सहयोगी रही है और जिसने अपने पति व बेटी के साथ इस्लाम धर्म कबूल किया था। प्रशासन ने पहले ही नीतू को तीन नोटिस जारी किए थे और अब नियमानुसार कोठी को ध्वस्त किया गया।
कार्रवाई के दौरान एसडीएम राजेन्द्र बहादुर (SDM Rajendra Bahadur), तहसीलदार सत्यपाल प्रजापति (Tahsildar Satyapal Prajapati), एएसपी विशाल पांडेय (ASP Vishal Pandey) और अन्य अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। पहले कोठी के अंदर मौजूद सामान को सुरक्षित निकालकर सूचीबद्ध किया गया और फिर विधिवत तरीके से ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई।
चार दिन पहले यूपी एटीएस (UP ATS) ने झांगुर बाबा और उसकी सहयोगी नीतू को लखनऊ (Lucknow) से गिरफ्तार किया था। पूछताछ में यह सामने आया कि झांगुर ने बलरामपुर के अलावा मुरादाबाद (Moradabad), औरैया (Auraiya) और आजमगढ़ (Azamgarh) में भी लोगों को जबरन इस्लाम धर्म में परिवर्तित कराया। इसके लिए उसे विदेशी फंडिंग भी मिल रही थी, जिसकी रकम का लेन-देन कई राज्यों में फैला हुआ था।
झांगुर की गिरफ्तारी के बाद ईडी (ED) और राजस्व विभाग (Revenue Department) को उसकी संपत्ति की जांच का आदेश दिया गया है। झांगुर के पास जो धनराशि आई, उसका उपयोग नई कोठियों और धार्मिक प्रचार के लिए किया जा रहा था। यही नहीं, गोमतीनगर (Gomtinagar) और अन्य क्षेत्रों में उसके प्रभाव में आए लोगों ने हाल ही में दोबारा हिन्दू धर्म अपनाया है।
झांगुर बाबा का नेटवर्क कितना बड़ा और जटिल है, यह एटीएस की जांच में सामने आया है। अधिकारी अभी उसके गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में लगे हुए हैं। फिलहाल, सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अवैध गतिविधियों में संलिप्त किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कितना भी रसूखदार क्यों न हो।