JEE मेंस एग्जाम को भारत के सबसे प्रतिष्ठित एग्जाम में से एक माना जाता है। हालांकि हालिया हुई एक घटना ने इस प्रतिष्ठित परीक्षा में दिए जाने वाले नंबरों को लेकर एक नई बहस छेड़ दी है। यह पूरा मामला एक महिला के ट्वीट से जुड़ा है। अब यह ट्वीट काफी तेजी से वायरल हो रहा है और यूजर्स इस पर अपने अलग अलग रिएक्शंस देने के साथ कमेंट भी कर रहे हैं। ऐसे में आइये इस पूरे मामले के बारे में भी जान लेते हैं।
क्या ट्वीट किया महिला ने
हाल ही में एक महिला ने शिक्षा के अगले स्तर के लिए उम्मीदवारों के चयन में असमानता के बारे में ट्वीट किया और बताया कि क्यों आधी रात को मेहनत करने वालों को अपने सपने कभी साकार नहीं हो पाते हैं। ट्विटर पर शेयर किए गए एक स्क्रीनशॉट में महीला ने दो स्टुडेंट्स के द्वारा प्राप्त अंकों को साझा किया। स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है कि एक छात्र के इस परीक्षा में 82 नंबर थे वहीं दूसरे उम्मीदवार के केवल 41 नंबर।
कम नंबर वाला स्टुडेंट हुआ पास
हालांकि इन सब में एक दिलचस्प बात यह रही कि जस स्टुडेंट के 41 नंबर थे उसे पास माना गया और जिसके 82 उसे फेल। अब इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि ऐसा आरक्षण की वजह से हो सकता है। अब इस फोटो को ट्विटर पर साझा करते हुए महिला ने कैप्शन में लिखा कि स्कोर- 82 स्टेटस- नॉट सेलेक्टेड। स्कोर- 41 स्टेटस- सेलेक्टेड। फिर उस महिला ने लिखा कि भले ही आप IIT में सीट के लिए रोज 20 घंटे तक पढ़ते रहें पर आपकी सीट उसे दे दी जाएगी जिसने आपसे आधे नंबर प्राप्त किए हैं। भारत में पढ़ाई की कोई वैल्यू नहीं है। यह टेबल नमक से भी ज्यादा सस्ता है।
क्या कमेंट कर रहे हैं यूजर्स
अब महिला की इस पोस्ट पर यूजर्स अलग अलग तरह के रिएक्शंस भी दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा कि एमबीबीएस और पीजी एलोकेशन के दौरान मुझे इसी तरह का सामना करना पड़ा। बिना आरक्षण के जन्म हुआ, लेकिन मुझे इससे गुजरना पड़ा। निजी तौर पर मुझे लगता है कि ग्रेजुएशन के बाद किसी भी तरह का आरक्षण नहीं होना चाहिए। वहीं एक और यूजर ने लिखा कि भारत में आरक्षण हटाना कोई आसान काम नहीं है। आज भी लोग कहते हैं कि मैं ऊंची जाति का हूं और वे निचली जाति के हैं। इस मानसिकता को पहले बदलना चाहिए तभी यह संभव है। इस वायरल ट्वीट को 600 से ज्यादा रीपोस्ट और 20,000 लाइक्स के साथ 3.7 मिलियन से ज्यादा बार देखा गया।