हरियाणा असेंब्ली में बीच लोकसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक घटनाक्रम ने नया मोड़ ले लिया है। स्वतंत्र विधायक सोमबीर सांगवान, रणधीर गोलन, और धर्मपाल गोंदर ने नायब सैनी की सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। इस कदम से सरकार की स्थिरता पर प्रश्न चिन्ह लग गया है, हालांकि तत्काल कोई संकट नहीं है क्योंकि हाल ही में असेंब्ली में विश्वास मत हासिल किया गया था।
सरकार अल्पमत में
हरियाणा असेंब्ली में मौजूदा बहुमत का आंकड़ा 45 है। इन तीन स्वतंत्र विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद, भाजपा के पास केवल 43 विधायक बचे हैं, जिससे सरकार अल्पमत में आ गई है। हालांकि, निकट भविष्य में सरकार पर कोई संकट नहीं है क्योंकि मार्च 2024 में असेंब्ली में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के बाद अगले छह महीने तक कोई नया अविश्वास प्रस्ताव नहीं लाया जा सकता।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा की प्रतिक्रिया
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार अब अल्पमत में है और इसलिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाना चाहिए। हुड्डा का यह बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है।
इस सारे घटनाक्रम के बीच, हरियाणा राज्य में अक्टूबर 2024 में असेंब्ली चुनाव होने वाले हैं। इसलिए, यह राजनीतिक उथल-पुथल चुनावी परिणामों पर असर डाल सकती है।