उड़ते इतराते बाहें फैलाते कभी इस घर कभी उस घर, दर-दर घूमते टि्वटर सिंह के बैरी बोल आज उनसे ज्यादा तेजी से इस मोबाइल से उस मोबाइल गांव-गांव, घर-घर, गली-गली जुबान जुबान उड़ते फिर रहे हैं। सिद्धू जी बस बोलते ही हैं या उन्हें बोलने की बीमारी है? यह तो जनता तय करे, पर सच तो यह है कि उनकी जुबान से छलका जहर उनकी राह का कहर बन पीछे पीछे चल पीछा कर रहा है। जिन उपमा अलंकार दोहा छंद शेर पर प्रधान बनने से पहले सिद्धू जी गर्व से कहते थे “ठोको ताली” धारदार वार हमलावर तेवर को सुन आज सिद्धू खुद ही सुन्न हैं। सही कहा है “कुटिल वचन सबसे बुरा, दुश्मन बने जहान।”
देश के तत्काल गुजरात के मुख्यमंत्री और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शान में पढे गए सिद्धू के कसीदे उनके सवाल से सवालों को जन्म दे रहे हैं। पूछ रहे हैं कि कौन सा सिद्धू सही है, फूल वाला नेता या पंजा वाला प्रधान? सच कौन बोल रहा है जो तब मोदी के शान में सिद्धू का भक्ति भाव था या जो अब सोनिया गाँधी के सम्मान में समर्पित सिद्धू गीत। नए प्रधान ने सच कब बोला तब जब कमल दल के मंच पर थे या अब जब दस जनपथ के रथ पर सवार हैं। समझ नहीं आता वो खुद कंफ्यूज हैं या फिर जहाँ जाते हैं कन्फ्यूज़न की दीवार खड़ी कर उस पर निकल जाते हैं। बातों के बतासे बांट बातों की सीढी बना फूल छोड़ पंजा पकड़ प्रधान की कुर्सी कब्जा तो ली वो क्या बोला था आपने प्रथम सिख प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह के लिए आपने भरी महफिल में ही यह सवाल दागा था “मुझे तो शक है कि वह सरदार भी हैं कि नहीं?”
आज भी सरदार मनमोहन सिंह आप से बहुत आगे बहुत ऊंचे मापदंड पर खड़े हैं बताओ सरदारों को, सरदारों की इस जमीन को, पांच नदियों के पंजाब को, कि मनमोहन सिंह सरदार हैं कि नहीं प्रधान जी आपकी नजर में, प्रधान जी आपकी जुबान यहीं नहीं रुकी थी आपने जोश भरे आवाज में छाती ठोक कर कहा था “ना सरदार न असरदार” अब जवाब दो वह आपकी नजर में क्या हैं? आगे आगे मनमोहन सिंह और पीछे पीछे चोरों की बारात आपके मुँह से ये अमर वाक्य भी तब ही निकले थे आज आप उन्हीं सरदार मनमोहन सिंह के पीछे खड़े हो बताओ आप क्या हो सिद्धू जी?
सिद्धू जी आपने सिर्फ सरदार मनमोहन सिंह की ही बेअदबी नहीं की थी राहुल गाँधी, प्रियंका गाँधी के पिता देश के पूर्व प्रधानमंत्री को “घुइयां का प्रधानमंत्री” भी बोल आपने अपमानित किया था। आपने कहा था “राजीव गाँधी कहता था मैं सौ रुपए गरीब को भेजता हूँ वो दस रुपए ही गरीब के पास जाता है, तो क्या घुइयां का प्रधानमंत्री है?” घुइयां कौन भारत की जनता जिसने राजीव गाँधी को प्रधानमंत्री बनाया? या घुइयां कांग्रेस है जिसने उन्हें सदन का नेता चुना था, सिद्धू जी पंजाब और पूरी कांग्रेस को यह भी बता दो यह आखिर यह घुइयां होता क्या है? आप जब जोश में होते हैं जुबान पर क्या? क्यों? किसके? लिए आ रहा है शायद भूल जाते हैं, पर अगर जानबूझकर बोलते हैं तो आपको याद ही होगा आपने कांग्रेस की सबसे बड़ी नेता सोनिया जी के लिए क्या कहा था “नरेंद्र भाई चाहते हैं देश सोने की चिड़िया बने, कांग्रेस चाहती है देश “सोनिया” की चिड़िया बने।” कांग्रेस के जिस पिंजड़े में आज आप फड़फड़ा ट्वीट ट्वीट कर रहे हो बताओ किसकी चिड़िया बन चहक रहे हो।
भाजपा के मंच से ही प्रधान जी आपने बोला था “कांग्रेस मुन्नी से ज्यादा बदनाम है” पंजाब कांग्रेस के नए नवेले वर्तमान प्रधान जी कृपया कर बताएं किस मुन्नी से ज्यादा आपकी कांग्रेस बदनाम है? कांग्रेस क्यों बदनाम है और इसे ज्यादा बड़ा सवाल ये कि बदनाम कांग्रेस में आप गए ढोल नगाड़े पीटते क्यों शुमार हो गए। आपने 15 साल लगातार दिल्ली की मुख्यमंत्री रही स्वर्गीय शीला जी को भी नहीं बक्शा था आपके मुँह से निकले रस भरे शब्द छलके थे “कांग्रेस मुन्नी से ज्यादा बदनाम है और शीला से ज्यादा नीलाम है” नारी शक्ति के प्रति आपके शब्द आपके संस्कार पर सवाल है। यह सवाल आज भी जस के तस खड़े आपसे जवाब की तलाश में है। क्या आप बता पाओगे शीला कहाँ नीलाम हुई थी? क्या शानदार बोला था असरदार तरीके से कहा था नरेंद्र भाई मोदी से कांग्रेस की तुलना की थी
“चंपा के दस फूल चमेली की एक कली
मूरख की सारी रात चतुर की एक घड़ी।”
प्रधान जी उस चतुर खिलाड़ी को छोड़ मूर्खों की जमात में आप क्यों आ गए। इस एक घड़ी में आपने कांग्रेस के सौ साल के इतिहास का जुलूस निकाल सत्यानाश करने की कवायद में कई बार ठोको ताली बोल कांग्रेस को ठोकते रहे। आपने ही गुजरात को स्वर्ग से बेहतर बताया था याद नहीं तो याद दिला देता हूँ आपने कहा था
“गुलशन गुलशन फूल खिले हैं पंख लगे विकास को,
जिसने स्वर्ग नहीं देखा वह देखे आकर गुजरात को।”
आपके सवाल, आपके कसीदे, आपके शब्द बाण आज आपके ही पीछे पड़ आप को घायल कर रहे हैं। एक ईमानदार सरदार की सरदारीयत पर शक, एक बुद्धिमान सिंह का उपहास कर आज उसी सिंह के पीछे खड़े हो आप कौन सी बारात में शुमार हो? सिहों की धरती आपसे पूछेगी, कांग्रेस पूछे ना पूछे पर पंजाब जरुर पूछेगा कि सरदार सरदार होता है कोई भी सरदार हमेशा शानदार भी और असरदार भी होता है।