राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान जिसे एनआईओएस के नाम से भी जाना जाता है, उन छात्रों के लिए एक बोर्ड है जो निजी तौर पर अपनी शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं। अनिवार्य रूप से इसे पत्राचार के माध्यम से माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के रूप में समझा जा सकता है। मान्यता प्राप्त संस्था, हालाँकि एनआईओएस भारत सरकार के मानव संसाधन और विकास मंत्रालय के तहत एक सरकारी अधिकृत बोर्ड है।
इसके बारे में जानकारी देते हुए एनआईओएस अध्यक्ष प्रोफेसर सरोज शर्मा ने बताया की भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के अंतर्गंत ये स्वायत्व संस्थान है, साथ ही टेक्सटाइल मंत्रालय, स्किल मंत्रालय के साथ MOU है। समाज के वंचित वर्ग को देखना, जो कक्षा में नहीं जा पाते हैं जैसे खिलाड़ी, कुछ संसद सदस्य भी हमारे विद्यार्थी है। जो नियमित कक्षा में समय नहीं दे पाते, जो सुदूरव्रती क्षेत्र में विद्यार्थी है वो नहीं जा पाते हैं वो हमारे विद्यार्थी है। सैनिकों के लिए भी हमारा पाठ्यक्रम है। इस बड़े वर्ग को ओपन मोड से शिक्षित करना और मुख्य धारा में लाना हमारा उदेश्य है। दिव्यांग बच्चे भी हमारे छात्र है, दो वर्ष पहले यूनेस्को ने हमे भारतीय साइन भाषा के लिए हमें अवार्ड दिया था। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में इनके लिए खासा ख्याल रखा गया है।
दिव्यांग बच्चों के लिए हम परीक्षा में भी बहुत सारी सुविधा देते हैं। प्रधानमंत्री ई विद्या चैनल है जिसमे 10वीं और 12वीं को स्पेशल एनआईओएस देखता है। इसके और NCERT के साथ मिलकर सफ्ताह में दो बार अपने कोर्स देते हैं। कोरोना के समय में देखा गया की बच्चो में स्ट्रेस आई और जो नियमित स्कूल नहीं जा सकते हैं उनके लिए एनआईओएस एक ऐसा सशक्त माध्यम है जिसमे घर में रहकर वो तैयारी कर सकते हैं।

हमारा बहुत ही लचीला सिस्टम है अगर एक बार पंजीकरण हो गया तो 5 साल तक वैध रहेगा। विद्यार्थी अपनी सुविधा अनुसार परीक्षा देते हैं, साल में दो बार बोर्ड की परीक्षा होती है जिससे दिव्यांग बच्चो के लिए ये निश्चित रूप से बहुत सहायक होता है। दो प्रमुख राष्ट्रीय बोर्ड में से एनआईओएस एक है और पूरे विश्व में हमारे बोर्ड की मान्यता है। UAE में हमारे करीब 52 के करीब सेंटर है। IIT में भी हमारे सफल बच्चे निकले हैं, पिछले वर्ष तमिलनाडु की टॉपर और अरुणाचल प्रदेश से बहुत विद्यार्थी निकले हैं वो हमारे रहे हैं। हमें मेडिकल के लिए IMA से मान्यता प्राप्त है , हमारे विद्यार्थी मेडिकल की भी परीक्षा में सफल होते रहे हैं और देश के कई प्रतिष्ठित डॉक्टर भी यहां से 12 की परीक्षा दी है। हमारे यहां 103 वोकेशनल कोर्स हैं कई संस्थाओं से हमारा MOU है।
आशा महिलाओं कासर्टिफिकेशन भी हम करते हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर हम अग्रसर हैं शिक्षा मंत्रालय भी इसपर जोर दे रहा है। हमारी 12वीं की फ़ीस मात्र 2000 है, छात्रों के लिएकुछ छूट है, समाज के पिछड़े वर्गों के लिए भी फ़ीस में छूट है। इसी फ़ीस में हम पुस्तक भी मुहैया करवाते हैं। हमारा जो सबसे महत्वपूर्ण चीज है ऑन डिमांड परीक्षा, यानि हम साल में दो बार बोर्ड की परीक्षा करवाते हैं जिससे बच्चो को थोड़ा समय मिल जाता है जो फेल हो जाते हैं। ऑन डिमांड परीक्षा अभी सिर्फ एनआईओएस में ही उपलब्ध है। एडल्ट शिक्षा हमारे यहां अनिवार्य है, देशभर में करीब 2500 NGO हमसे जुड़े हैं, गुरुकुल में भी हम शिक्षा प्रदान करते हैं। बहुत सारे खिलाड़ी, संगीतकार तमाम लोग हमारे यहां पंजीकृत हैं। हमारे तीन टाइप के स्टडी सेंटर हैं जिसमे मान्यता प्राप्त संस्था, वोकेशनल कोर्स और तीसरा शेड सेंटर होते हैं जो स्पेशल बच्चों के लिए होते हैं।








