आज के समय में इसका उपयोग विभिन्न क्षेत्रों में होता है, जैसे कि वॉयस आसिस्टेंट्स, रिकॉर्डिंग सिस्टम्स, स्पीच रिकॉग्निशन सॉफ़्टवेयर, टेलीफोनी, और कान से सुनने में असमर्थ लोगों के लिए स्वतंत्र सोचने व् सहायता करने के लिए भी| इसके लिए स्मार्टफोन में इनबिल्ट या थर्ड पार्टी Apps भी मिल जाते हैं।
ओप्टिकल केरेक्टर रिकग्निशन : OCR टेक्नॉलोजी में Data हासिल करने के लिए स्कैनर या कंप्यूटर कैमरा का इस्तमाल होता है। ताकि शब्दों को चित्र के रूप में पकड़ा जा सके। इसके बाद OCR सोफ्टवेर इसे प्रोसेस करता है और फिर कमांड अनुसार डाटा उपयोग में लाया जाता है।
संक्षिप्त में कहें तो ओ.सी.आर मानव भाषा में लिखित टेक्स्ट को मशीनों को समझाता है और डिजिटल रूप में बदलता है। यह टेक्नॉलोजी कंप्यूटर सायंस और ऑप्टिक्स के क्षेत्र में आती है तथा इसमें कागजी दस्तावेजों, पुस्तकों, इन्फोमेशन डाटा वाली डिवाइसेस, और अन्य स्रोतों से टेक्स्ट को स्कैन करने का महत्वपूर्ण कार्य होता है।
नेचरल लेंग्वेज अंडरस्टैंडिंग : इस NLU तकनीक का इस्तमाल विभिन्न क्षेत्रों में आजकल हो रहा है। इस टेक्नॉलोजी में कंप्यूटर को मानव भाषा समझने और उसे कमांड अनुसार सटीक कार्य को अंजाम देने के लिए तैयार करने में मदद मिलती है। यह AI Innovation का बेहद महत्वपूर्ण अंग है चूँकि इसमें स्वतंत्र सोचने की क्षमता, सटीक संवाद करने की काबिलियत जैसे तत्व शामिल है।
टेक्स्ट टू स्पीच (TTS) : इस प्रकार के AI सिस्टम में लिखित शब्दों को ऑडियो फॉर्म में बदला जाता है। जिसे एक पॉडकास्ट वोइस के तौर पर इस्तमाल कर सकते हैं। इसके अलावा विडियो में Voice Over स्पीच के तौर पर भी इस्तमाल किया जा सकता है। यह तकनीक समय की बचत करती है और प्रोफेशनल टोन में स्पीच मुहैया कराती है।
भाषिणी AI System के Guiding Principles
अनुकूल इको सिस्टम की रचना करना : किसी भी समाज में जब आम इन्सान के पास अपनी आम जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन होते हैं और प्रगति के प्रचुर अवसर होते हैं तो उसे एक अच्छे Eco System वाली स्थिति कहा जा सकता है। ठीक वैसे ही यहाँ आम इन्सान, सरकार, मिडिया, रिसच सोसायटी और इंडस्ट्रीज के बीछ अच्छा इको सिस्टम बनाने का लक्ष्य है।
एक ओपन सोर्स डाटाबेस : हर इन्सान की सोच और समझ अलग अलग होती है, जैसे बूंद-बूंद से सागर बनता है, वैसे ही जब अधिक लोगों का समूह एक लक्ष्य को हासिल करने के लिए योगदान देता है तो सफलता पाना आसान हो जाता है। इसी आशय से यह Bhashini AI सभी सिटिजन और इंस्टीट्यूशन के लिए एक ओपन सोर्स डेटाबेस प्रोजेक्ट रखा गया है, ताकि इसका विकास बहुत त्वरित गति से हो और सब को इसका लाभ बराबर मिल सके।
कंट्रीब्युट एंड लीवरेज : भारत सरकार चाहती है कि देश में ऐसी व्यवस्था बने कि लोग आगे आ कर इस प्रोजेक्ट में अपना योगदान दें और देश में वस्तु तथा सेवा की गुणवत्ता में सुधार आए और इसका लाभ सब भारतियों को मिले। संक्षिप्त में कहें तो Bhashini AI Tool टेक्नॉलोजी के क्षेत्र में मानव कल्याण का डिजिटल तरीका है।
Bhashini (भाषिणी) Artificial Intelligence Tool की Tag Line
Together, Let Us Make It Reality : इन शब्दों का अर्थ कुछ ऐसा – “आइये, साथ मिल कर इसे वास्तविकता बनाएं”. इसके अलावा इनका उद्देश्य यह भी है कि डिजिटल एम्पावरमेंट की मदद से सब के लिए, विभिन्न भाषाओँ की बाधा को दूर किया जाए। भाषिणी AI Tool को बेहतर बना कर लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जाए, ताकि उनकी भी एक प्रेरणादायक कहानी अन्य लोगों के लिए उदहारण बने।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रमुख उदाहरण
AI का उपयोग आजकल हर क्षेत्र में होता है, जैसे कि – विशेषज्ञ सिस्टम, प्राकृतिक भाषा प्रोसेसिंग, विजन सिस्टम, इंटेलिजेंट रोबोट, कम्प्यूटर गेमिंग, और भाषा पहचान।
यह मानव श्रम को नाटकीय ढंग से बहुत ज्यादा घटा देता है। इसके साथ ही AI की क्वालिटी और एक्यूरेसी हैरत में डाल देने वाली लगती है। कई देशों में Robots और AI Bots नें लोगों की नौकरियां हथियाना भी शुरू कर दिया है। लेकिन जो लोग आर्टिफिशल इंटेलिजन्स से तालमेल बिठाना सीख लेते हैं उनके लिए यह तरक्की के सुनहरे अवसर जैसा भी है। इसीलिए AI Technology को खुले मन के साथ अपनाने और इसे सीखने पर जोर देना चाहिए।
भाषिणी AI Tool की संपर्क जानकारी
Bhashini Official Website : www.bhashini.gov.in
Official Mail ID : [email protected]
Location Address: Electronics Niketan, 6, CGO Complex,
Lodhi Road, New Delhi – 110003
Tel: 011-24301361
Bhashini (भाषिणी) AI FAQs
Q भाषिणी क्या है ?
भाषिणी भारत सरकार की एक पहल है जो भारतीय भाषाओं के लिए AI तकनीक विकसित करने पर केंद्रित है।
Q भाषिणी का उद्देश्य क्या है ?
इसका उद्देश्य डिजिटल सेवाओं में भाषा के अंतर को कम करना और विभिन्न भारतीय भाषाओं में तकनीक को सुलभ बनाना है।
Q – DIBD का पूरा नाम क्या है ?
A – इसे डिजिटल इंडिया भाषिणी डिविजन के नाम से पुकारा जाता है।
Q – Bhashini Program के साथ कैसे जुड़ सकते हैं ?
A – इस Tool की ऑफिसियल साईट (https://bhashini.gov.in) पर ज्वाइन “भाषा दान” टैब पर क्लिक करने से सारी जानकारी प्राप्त होगी।
Q – भाषिणी (Bhashini) के CEO का नाम क्या है ?
A – श्री अमिताभ नाग भाषिणी के वर्तमान चीफ एक्जेक्युटिव ऑफिसर (CEO) है।
Q भाषिणी से कौन लाभान्वित हो सकता है ?
जो लोग भारतीय भाषाओं में डिजिटल सेवाओं की तलाश कर रहे हैं, वे इससे लाभान्वित हो सकते हैं।
Q क्या भाषिणी केवल सरकारी उपयोग के लिए है ?
नहीं, यह सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों में भारत में बेहतर भाषा प्रौद्योगिकी एकीकरण का समर्थन करने के लिए है।
Q – Bhashini (भाषिणी) AI Tool का आरंभ कब हुआ ?
A – NLTM अर्थात “द नेशनल लेंग्वेज टेक्नॉलोजी मिशन” की शुरआत जुलाई 2022 में भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा की गई है।