The News Air- (चंडीगढ़) आम आदमी पार्टी सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अमृतसर पहुंचे। मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने रेत माफ़िया के बहाने फिर नवजोत सिंह सिद्धू की तारीफ़ की है। उन्होंने कहा कि सिद्धू की हिम्मत की दाद देनी होगी कि उन्होंने सीएम चन्नी के सामने ही टोक दिया कि वह रेत 5 रुपए फुट करने का ग़लत बयान दे रहे हैं। अभी भी पंजाब में 20 रुपए प्रति फुट बिक रहा है।
केजरीवाल ने इस दौरान चन्नी के आम आदमी होने के बयान पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चन्नी की तरह के आम आदम नहीं हैं। वह सीएम चन्नी की तरह गुल्ली डंडा खेलना नहीं जानते। वह स्कूल खोलने वाले, अस्पताल बनवाने वाले और नागरिकों की मुश्किलों का हल निकालने वाले आम आदमी हैं। उन्होंने इस दौरान सिटिंग विधायकों के आप को छोड़े जाने पर कहा कि जिन विधायकों को सीट नहीं मिल रही, वही दूसरी पार्टियों में जा रहे हैं। आज भी कांग्रेस के 25 विधायक उनके संपर्क में हैं। लेकिन वह गंदी राजनीति नहीं खेलना चाहते। लेकिन जब उनसे सिद्धू के बारे में पूछा तो वह हंस कर चुप हो गए।
ख़ज़ाना ख़ाली होने पर अकाली-कांग्रेस को निशाने पर लिया
सभी नेता कह रहे हैं कि पंजाब का ख़ज़ाना ख़ाली हो गया। मैं पूछना चाहता हूं कि किसने किया ख़ज़ाना ख़ाली किया। पांच साल से तो कांग्रेस की सरकार थी उससे पहले अकाली दल की सरकार थी। जो सरकार चला नहीं सकते वह ख़ज़ाना ख़ाली होने की बात करते हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार से पहले 15 साल शीला दीक्षित की सरकार थी। उन्होंने भी जाते हुए यही कहा कि दिल्ली का ख़ज़ाना ख़ाली है। जो सरकार चला नहीं सकते हमें दे दें हम ख़ज़ाना भरना जानते हैं।
भगवंत मान के सीएम चेहरा होने की बात टाली
अरविंदर केजरी वाल से जब सीएम चेहरे के बारे में पूछा गया तो उनका कहना स्पष्ट था कि वह कभी पंजाब के सीएम का चेहरा नहीं हैं। लेकिन जब समर्थकों ने भगवंत मान के ऊंचे-ऊंचे नारे लगाने शुरु किए तो उन्होंने फिर टोक दिया और कहा कि किसी भी पार्टी ने अभी तक सीएम का चेहरा एनाउंस नहीं किया है। आप भी सीएम का चेहरा देगी और अन्य पार्टियों से पहले उस चेहरे का नाम बता दिया जाएगा।
अध्यापकों को 8 वायदे
केजरीवाल ने कहा कि बीते दो दिन पंजाब के कई अध्यापक उनसे आकर मिले हैं। पंजाब में शिक्षा का कोई स्तर नहीं है। ऐसे में वह आठ गारंटी अध्यापकों को दे रहे हैं। जैसे दिल्ली में एजुकेशन का स्तर सुधरा है, पंजाब में भी इन आठ मुद्दों के साथ एजुकेशन के स्तर में सुधार होगा।
- दिल्ली में टीचर्स ने सब ठीक किया। पंजाब में भी टीचर्स को साथ लेकर चलूंगा और एजुकेशन पॉलिसी में उन्हीं का हाथ होगा।
- पंजाब में 18 साल से कच्चे व कंट्रैक्ट पर अध्यापक काम कर रहे हैं। 18 साल से भी उनका वेतन 10 हज़ार रुपए है। जबकि दिल्ली में 15 हज़ार से कम किसी का वेतन नहीं है। पंजाब में वह न्यूनतम वेतन तय करेंगे। सभी कच्चे व कंट्रैक्ट वाले अध्यापक पक्के होंगे।
- ट्रांसफर पॉलिसी में सुधार होगा। घरों के पास काम करने का मौक़ा मिलेगा। अध्यापकों से उनके स्कूल पूछे जाएंगे।
- टीचर्स से सिर्फ़ पढ़ाई करवाई जाएगी। क्लर्क, बीएलओ और मतगणना जैसे काम नहीं करवाए जाएंगे।
- पंजाब में पोस्टें ख़ाली हैं, जिन्हें भरा जाएगा।
- दिल्ली में टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए विदेश जाते हैं। पंजाब के टीचर्स को भी आईआईएम लखनऊ, अहमदाबाद के अलावा अमेरिका व फिनलैंड भेजा जाएगा।
- अध्यापकों की प्रमोशन टाइम बाउंड की जाएगी। ताकि सब तरक़्क़ी कर सकें।
- अध्यापकों के परिवार वालों की भी कैशलैस हेल्थ पॉलिसी की जाएगी।