फाइनेंशियल सर्विसेज मुहैया कराने वाली दिग्गज एमएनसी वेल्स फार्गो एंड कंपनी (Wells Fargo & Co.) एक मुकदमे के निपटारे के लिए 100 करोड़ डॉलर चुकाने को तैयार हो गई है। यह 2016 के अनऑथराइज्ड अकाउंट्स स्कैंडल से जुड़े मामले में चल रहे मुकदमे में यह पेमेंट करेगी। यह पैसा शेयरहोल्डर्स को मिलेगा। वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। इस प्री सेटलमेंट का खुलासा सोमवार को कोर्ट की फाइलिंग से हुआ है। हालांकि अभी इस प्रस्ताव को अगले कुछ महीने में जज के मंजूरी की जरूरत पड़ेगी। रिपोर्ट के मुताबिक बैंक पर अपने काम की प्रगति को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने का आरोप था। इस मामले में शेयरहोल्डर्स ने केस दायिर किया था जिनका दावा था कि कंपनी ने प्रोग्रेस को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया था।
आरोपों को नहीं स्वीकारा लेकिन सेटलमेंट को तैयार कंपनी
वेल्स फार्गो के प्रवत्ता ने कहना है कि इस पेमेंट से मुकदमे का अंत हो जाएगा जिसमें कंपनी और पूर्व एग्जेक्यूटिव्स और डायरेक्टर फंस हुए हैं और जो पिछले कुछ वर्षों से कंपनी के साथ नहीं जुड़े हुए हैं। हालांकि प्रवक्ता ने यह भी कहा कि इस मामले में जो आरोप लगाए गए हैं, उससे कंपनी पूरी तरह से असहमत है। हालांकि उन्होंने इस मामले के समाधान होने पर खुशी जताई है।
तीन साल पहले भी सेटलमेंट के लिए थी तैयार
इससे पहले वर्ष 2020 में वेल्स फार्गो एक दशक से लंबे समय से चल रहे उपभोक्ताओं की शिकायत पर अमेरिकी जांच के सेटलमेंट के लिए 300 करोड़ डॉलर चुकाने पर सहमत हुई थी। जांच में पाया गया था कि वेल्स फार्गो ने बिक्री के लक्ष्यों को हासिल करने के लिए काफी ज्यादा आक्रामक रुख अख्तियार किया था। इसके तहत कंपनी के हजारों एंप्लॉयीज ने ग्राहकों के नाम पर लाखों बोगस खाते खोले और उनके लिए 2012-2016 के बीच उनके नाम पर बाकी प्रोडक्ट्स भी थोप दिए। डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस ने उस समय कहा था कि इसके लिए कंपनी ने गलत रिकॉर्ड्स तैयार किए या उनकी पहचान का गलत इस्तेमाल किया। यह मामला 2016 में खुला कि कंपनी के एंप्लॉयीज ने सेल्स गोल्स को हासिल करने के लिए लाखों फर्जी खाते खोले।