Metabolism Boosting Tips अक्सर हम देखते हैं कि कुछ लोग ढेर सारा खाना खाने के बाद भी बिल्कुल फिट रहते हैं, जबकि कुछ लोग ‘पानी भी पी लें’ तो उन्हें लग जाता है और वजन बढ़ने लगता है। इसके पीछे का असली राज आपकी किस्मत नहीं, बल्कि आपके शरीर का ‘मेटाबॉलिज्म’ यानी चयापचय दर है, जो यह तय करता है कि आप कितनी जल्दी कैलोरी बर्न करते हैं।
मेटाबॉलिज्म वह प्रक्रिया है जिससे हमारा शरीर भोजन को ऊर्जा में बदलता है। जिन लोगों का मेटाबॉलिज्म अच्छा होता है, वे रेस्टिंग मोड यानी आराम करते हुए भी कैलोरी बर्न करते रहते हैं। वहीं, जिनका मेटाबॉलिज्म धीमा होता है, उनके शरीर में खाना फैट के रूप में जमा होने लगता है। इस जानकारी का सीधा असर उन लोगों पर पड़ता है जो सब कुछ छोड़-छाड़ कर पतला होने की कोशिश में लगे हैं।
उम्र और जेंडर का असर
एक रिसर्च के मुताबिक, पुरुषों का मेटाबॉलिज्म महिलाओं की तुलना में प्राकृतिक रूप से बेहतर होता है। अगर वे कोई काम न भी करें और सिर्फ आराम करें, तब भी उनका शरीर महिलाओं से ज्यादा कैलोरी खर्च करता है। हालांकि, उम्र के साथ यह दर घटती जाती है। खासतौर पर 40 की उम्र पार करने के बाद मेटाबॉलिज्म कमजोर पड़ने लगता है, जिससे वजन घटाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन, कुछ खास तरीकों से इसे किसी भी उम्र में सुधारा जा सकता है।
मसल्स और वर्कआउट का जादू
मेटाबॉलिज्म को तेज करने का सबसे कारगर तरीका है अपने मसल्स पर काम करना। जिन लोगों के शरीर में मसल्स ज्यादा होते हैं, उनके लिए कैलोरी बर्न करना बेहद आसान हो जाता है, फिर चाहे वे एक्सरसाइज कर रहे हों या सो रहे हों। स्ट्रेंथ ट्रेनिंग या मसल ट्रेनिंग करने से पूरी बॉडी एक्टिवेट हो जाती है और मेटाबॉलिक रेट हाई हो जाता है।
इसके अलावा, हाई इंटेंसिटी वर्कआउट जैसे एरोबिक्स भी बहुत फायदेमंद हैं। ये वर्कआउट्स शरीर को इतना थका देते हैं कि मेटाबॉलिज्म को बेहतर होने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
पानी की कमी न होने दें
शरीर को हाइड्रेटेड रखना मेटाबॉलिज्म के लिए ईंधन का काम करता है। डॉक्टर्स भी सलाह देते हैं कि दिन में 3 से 4 लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। जो लोग कम पानी पीते हैं, उनका मेटाबॉलिक रेट धीमा हो जाता है और कैलोरी धीरे बर्न होती है। पानी के अलावा, फलों और सब्जियों के जरिए भी खुद को हाइड्रेट रखने से फैट बर्निंग प्रोसेस तेज होती है।
क्या खाएं और क्या पिएं?
मेटाबॉलिज्म बढ़ाने के लिए बाजार में मिलने वाले एनर्जी ड्रिंक्स का सहारा लेना समझदारी नहीं है। इनमें कैफीन तो होता है, लेकिन इनके साइड इफेक्ट्स जैसे ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की समस्या हो सकती है। इसके बजाय, अगर आपको कॉफी पसंद है, तो ‘ब्लैक कॉफी’ एक बेहतरीन विकल्प है। दिन में 2-3 कप ब्लैक कॉफी पीने से तुरंत एनर्जी मिलती है और मेटाबॉलिज्म बूस्ट होता है।
इसी तरह, दिन की शुरुआत ग्रीन टी या उलोंग टी (Oolong Tea) से की जा सकती है। इनमें मौजूद कैफीन और कैथेचीन मिलकर शरीर को 17% ज्यादा कैलोरी बर्न करने में मदद करते हैं।
कम खाने की गलती न करें
अक्सर लोग वजन घटाने के चक्कर में खाना छोड़ देते हैं या बहुत लंबा गैप करते हैं। यह सबसे बड़ी गलती है। जब खाने के बीच लंबा अंतराल होता है, तो मेटाबॉलिज्म अपने आप स्लो हो जाता है। इसके बजाय हर 3-4 घंटे में थोड़ा-थोड़ा खाते रहें।
यह भी जानना जरूरी है कि महिलाओं को दिन भर में कम से कम 1200 कैलोरीज और पुरुषों को 1800 कैलोरीज की जरूरत होती है। इससे कम खाने पर शरीर ‘सर्वाइवल मोड’ में चला जाता है और फैट जमा करने लगता है। इसलिए प्रोटीन और कार्ब्स का सही संतुलन बनाकर जरूरी कैलोरीज जरूर लें।
जानें पूरा मामला
आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब खानपान के कारण अधिकतर लोग मोटापे का शिकार हो रहे हैं। डाइटिंग और जिम जाने के बाद भी जब वजन कम नहीं होता, तो निराशा हाथ लगती है। यह खबर उन लोगों के लिए एक गाइड है जो यह नहीं समझ पाते कि उनकी वेट लॉस जर्नी में रुकावट उनका अपना धीमा मेटाबॉलिज्म है, जिसे छोटी-छोटी आदतों से सुधारा जा सकता है।
मुख्य बातें (Key Points)
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पुरुषों का मेटाबॉलिज्म महिलाओं से बेहतर होता है, लेकिन 40 के बाद यह धीमा होने लगता है।
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मसल्स बनाने और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग करने से रेस्टिंग मोड में भी कैलोरी बर्न होती है।
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दिन में 3-4 लीटर पानी पीने और ब्लैक कॉफी या ग्रीन टी के सेवन से मेटाबॉलिज्म तेज होता है।
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खाना छोड़ने या बहुत कम कैलोरी (महिलाओं के लिए 1200 से कम) लेने से मेटाबॉलिज्म खराब होता है।






