The News Air- (नई दिल्ली) पाकिस्तान की हालत इस समय ‘ग़रीबी में आटा गीला’ जैसी हो चली है। महंगाई के चलते पाकिस्तानी अवाम प्रधानमंत्री इमरान ख़ान(Prime Minister Imran Khan) से बेहद नाराज़ है। सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल(troll) किया जा रहा है। महंगाई रोकने में नाकाम इमरान ख़ान का उपहास(taunt) उड़ाया जा रहा है। ऐसा ही एक रैप सांग (Rap Song) twitter पर वायरल है। इसे सर्बिया में पाकिस्तानी दूतावास(Pakistan Embassy Serbia) के twitter हैंडल से शेयर किया गया है। इसमें रैपर महंगाई को लेकर इमरान ख़ान की धज्जियां उड़ाते देखा गया। tweet में चेतावनी भरे लहज़े में लिखा गया- महंगाई के पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए @ImranKhanPTI आप कितने समय की उम्मीद करते हैं? कि हम सरकारी अधिकारी चुप रहेंगे और आपके लिए पिछले 3 महीनों से भुगतान किए बिना काम करते रहेंगे? हमारे बच्चों को फ़ीस का भुगतान न करने के कारण स्कूल से बाहर कर दिया गया है। क्या यही है #NayaPakistan? हालांकि पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का कहना है कि सर्बिया में पाकिस्तान के दूतावास का ट्विटर, फ़ेसबुक और इंस्टाग्राम पेज हैक कर लिया गया है। इस पर जो पोस्ट की गई है, वो पाकिस्तानी दूतावास की तरफ़ से नहीं है। इसके बाद twitter अकाउंट को सस्पेंड कर दिया गया है।
70 साल में सबसे ज़्यादा महंगाई
पाकिस्तान में 70 सालों में सबसे अधिक महंगाई है। यानी 1947 में भारत से अलग होने के बाद ऐसा पहला मौक़ा है, जब पाकिस्तान की हालत बेहद ख़राब है। पिछले तीन सालों में दूध की क़ीमतें 32 प्रतिशत बढ़कर 112 रुपए प्रति लीटर हो गई हैं। पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार यहां खाने की क़रीब सभी चीज़ें दोगुनी महंगी हो गई हैं। चाहे वो तेल हो, आटा हो या चिकन आदि। पाकिस्तानी मीडिया जियो न्यूज़ के अनुसार, पाकिस्तानी करेंसी लगातार नीचे गिर रही है। पाकिस्तान के फेडरल ब्यूरो ऑफ़ स्टैटिस्टिक्स (FBS) के अनुसार, अक्टूबर 2018 से अक्टूबर 2021 तक बिजली की दरें 57 फ़ीसदी बढ़कर 4.06 रुपये प्रति यूनिट से बढ़कर 6.38 रुपये प्रति यूनिट हो गई हैं। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो(Pakistan Statistics Bureau) के अनुसार, देश की मुद्रास्फीति(inflation) दर 9.2% से बढ़कर 11.5% हो गई है। पाकिस्तान ने पिछले साल फरवरी में अपनी उच्चतम मुद्रास्फीति 12.4 प्रतिशत दर्ज़ की थी।
क़र्ज़ में डूबा है पाकिस्तान
अर्थव्यवस्था(Economy) के मामले में इमरान ख़ान पाकिस्तान के बेहद प्रधानमंत्री साबित हुए हैं। हालत यह है कि जिस चीन को वो अपना सबकुछ मानता है, उसने भी आर्थिक मदद देने से पीछे हाथ खींच लिए हैं। पाकिस्तान को उसका पहला की क़र्ज़ चुकाना है। पाकिस्तान ने चीन के अलावा, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई), सऊदी अरब, विश्व बैंक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से भी काफ़ी क़र्ज़ ले रखा है। यानी पाकिस्तान पर घरेलू और विदेशी क़र्ज़ 50 हज़ार अरब रुपये से भी ज़्यादा है। विश्व बैंक की ऋण रिपोर्ट 2021 में पाकिस्तान को भारत और बांग्लादेश के मुक़ाबले काफ़ी ख़राब रेटिंग दी गई थी।
क़र्ज़ से ऐसे दबता चला गया पाकिस्तान
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने 2 दिसंबर को संसद में बताया कि पिछले तीन सालों में पाकिस्तान के क़र्ज़ में 16 ट्रिलियन रुपये (91 बिलियन डॉलर) की बढ़ोतरी हुई है। वित्त और योजना मंत्रालयों के जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार जून 2018 में पाकिस्तान का कुल क़र्ज़ 25 ट्रिलियन ($ 142 बिलियन) था, जो अगस्त 2021 तक बढ़कर 41 ट्रिलियन ($ 233 बिलियन) हो गया। पाकिस्तान की सीनेट को 2 दिसंबर को जानकारी दी कि इसी तीन साल के दौरान आंतरिक क़र्ज़ 16 ट्रिलियन रुपये (91 अरब डॉलर) से बढ़कर 26 ट्रिलियन डॉलर (148 मिलियन डॉलर) पहुंच गया है। जबकि विदेशी क़र्ज़ 8.5 ट्रिलियन रुपये (48.3 बिलियन डॉलर) से बढ़कर 14.5 ट्रिलियन रुपये (83 बिलियन डॉलर) हो गया। पाकिस्तान ने ब्याज के रूप में 7.46 ट्रिलियन ($ 42.4 बिलियन) चुकाए हैं।