चंडीगढ़ (The News Air): चंडीगढ़ शहर के नागरिकों और व्यापारियों के ज्वलंत मुद्दों के खिलाफ प्रशासन के साथ मिलकर लड़ाई लड़ने के फैसले को लेकर शहर की विभिन्न 18 एसोसिएशनें एक मंच पर आ गई है और एकजुट हो कर अपनी लड़ाई लड़ने के लिए एक सांझी फोरम का गठन करने का ऐलान किया गया है। इस बारे में आज यहां सेक्टर 31 स्थित पीएचडी चैंबर ऑफ कमर्स भवन में शहर की संस्थाओं ने मुख्य अतिथि मेयर अनूप गुप्ता की उपस्थिति में हुई एक महत्वपूर्ण मीटिंग में शहर की विभिन्न एसोसिएशनों व संगठनों के पदाधिकारिओं की साथ हुई मीटिंग में फैसला यह किया गया। मीटिंग के दौरान शहर की विभिन्न ट्रेड यूनियन, इंडस्ट्री यूनियन, करॉफेड, व्यापार मंडल सहित अन्य एसोसिएशनों के पदाधिकारी शामिल हुए।
मीटिंग के दौरान शहर के नागरिकों व व्यापारियों की समस्यायों पर चर्चा की गई। मीटिंग के दौरान की गई चर्चा के दौरान हैरानी ज़ाहिर की गई कि ‘चंडीगढ़ स्मार्ट सिटी’ योजना के तहत यूटी प्रशासन ने कार्बन न्यूट्रल सिटी बनाने हेतु शहर में इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति लागू तो कर दी है, लेकिन बड़ा सवाल है कि इस योजना को करने के लिए पर्याप्त इंफ्रास्ट्रक्चर है ही नहीं। इसके साथ ही प्रशासन ने बिना कोई तैयारी किए जल्दबाजी में ईवी पॉलिसी लागू कर शहर वासियों के लिए समस्या खड़ी कर दी है। मेयर अनूप गुप्ता ने प्रशासन के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यदि शहर में अन्य राज्यों से पेट्रोल और डीजल के वाहन बदस्तूर आते रहे तो चंडीगढ़ कार्बन न्यूट्रल सिटी किस प्रकार हो पाएगी। उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली की तर्ज पर अन्य राज्यों से आने वाले वाहनों पर लगाम नहीं लगती, तब तक यह समस्या हल नहीं होगी। मेयर ने कहा कि यदि आवश्यक हो हम सब को शहर के बॉर्डर पर बैठ कर अन्य राज्यों से वाहनों को रोकेंगे। उन्होंने कहा कि ईवी के चलते पहले ही शराब पॉलिसी फेल हो चुकी है और इसमें बड़े राजस्व का नुकसान चंडीगढ़ प्रशासन को सहना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि क्या प्रशासन इसकी जिम्मेदारी तय कर रहा है।
मीटिंग के दौरान शहर में प्रशासन द्वारा शेयर वाइज रजिस्ट्री पर लगाई गई रोक के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए मेयर अनूप गुप्ता ने कहा कि वह शहर के पहले नागरिक होने के साथ साथ शहर के एक आम नागरिक भी है। उन्होंने कहा कि बतौर नागरिक वह यह महसूस कर रहे है कि प्रशासन के इस फैसले से शेयर वाइज रजिस्ट्री रुकने के बाद शहर का हर नागरिक प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए कि तुरंत प्रभाव से चंडीगढ़ का हैरिटेज क्षेत्र एरिया 1 से 30 सेक्टर को छोड़कर शहर के बाकी सभी सेक्टरों में शेयर वाइज प्रापर्टी की रजिस्ट्री यथावत शुरू कर देनी चाहिए।