The News Air – (चंडीगढ़) आज चंडीगढ़ में मेयर चुनाव है। सुबह 11 बजे नगर निगम सदन में चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई। सबसे पहले सांसद किरण खेर ने वोट डाला, लेकिन आम आदमी पार्टी ने उनके वोट डालने का विरोध किया। वहीं कांग्रेस के पार्षद अभी जयपुर से चले हैं और चंडीगढ़ पहुंचने में उन्हें काफ़ी टाइम लगेगा।
बता दें कि मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर चुने जाने हैं। वहीं नया मेयर मिलने के साथ ही शहर में पिछले 15 दिन से जारी सियासी उठापटक पर विराम लगा जाएगा। आप-भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला है। 35 सदस्यों का सदन है और मेयर चुनाव के लिए 19 वोट चाहिए।
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अब देखना यह है कि मेयर पद पर आम आदमी पार्टी का कब्ज़ा होता है या भाजपा बाज़ी मारती है, क्योंकि भाजपा-आप के पास 14-14 पार्षद हैं। सांसद किरण खेर के वोट से और हरप्रीत कौर बबला के भाजपा में जाने से भाजपा के पास 14 पार्षद हुए हैं। कांग्रेस और अकाली दल ने चुनाव में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है।कांग्रेस और शिअद सिर्फ़ दर्शक की भूमिका में रहेंगे।
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वहीं न तो भाजपा के पास बहुमत है और न ही आप के पास संख्या बल है। ऐसे में क्रॉस वोटिंग हुए बिना अगर आखिरी वक़्त में भी मुकाबला बराबरी का होता है तो मेयर का चुनाव पर्ची के ज़रिए होगा। एक जनवरी को सभी नए 35 पार्षद शपथ भी ले चुके हैं।
यह हैं दोनों पार्टियों के उम्मीदवार
आम आदमी पार्टी ने मेयर पद के लिए अंजू कत्याल, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए प्रेम लता और डिप्टी मेयर के लिए रामचन्द्र यादव का नाम घोषित किया है। जबकि भाजपा से मेयर के लिए पूर्व पार्षद जगतार सिंह जग्गा की पत्नी सरबजीत कौर, सीनियर डिप्टी मेयर के लिए दलीप शर्मा, डिप्टी मेयर पद पर अनूप गुप्ता ने नामांकन दाखिल किया है। वहीं दोनों पार्टियां एक दूसरे पर पार्षदों की ख़रीद फरोख़्त के आरोप भी लगा चुकी हैं।
कांग्रेस कर सकती है आप का समर्थन
कांग्रेस ने पहली बार किसी भी पद पर कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं किया। लेकिन कांग्रेसी पार्षद भाजपा के मेयर और अन्य उम्मीदवारों को हराने के लिए आप उम्मीदवारों का समर्थन कर सकती है, ताकि भाजपा को मेयर की कुर्सी से दूर रखा जा सके।
चुनाव परिणाम और उसके बाद ऐसे हालात रहे
नगर निगम चुनाव में आम आदमी पार्टी पहली बार उतरी और बड़ी पार्टी बनकर उभरी। आप ने 14, भाजपा ने 12, कांग्रेस ने 8 और 1 सीट अकाली दल ने जीती थी। कांग्रेस अध्यक्ष से विवाद के चलते पार्टी ने देवेंद्र सिंह बबला को बाहर का रास्ता दिखाया तो वे अपनी नवनिर्वाचित पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं। इससे कांग्रेस के महज़ 7 पार्षद रह गए और भाजपा के पार्षद 13 हो गए।
तीनों पार्टियों ने पार्षदों को रखा सुरक्षित
चुनाव परिणाम आने के बाद तीनों पार्टियों को पार्षदों की ख़रीद फरोख़्त होने का डर था। इसलिए तीनों पार्टियों ने अपने उम्मीदवारों को सुरक्षित रखने में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा अपने 13 पार्षदों को लेकर पहले कसौली और फिर शिमला चली गई थी। कांग्रेस अपने उम्मीदवारों को लेकर जयपुर गई थी। आम आदमी पार्टी के पार्षद भी हिमाचल में ठहरे हुए थे। लेकिन पहले आप पार्षदों को दिल्ली लेकर गई थी और उन्हें सीसीटीवी की निगरानी में रखा था। तीनों पार्टियों के पार्षद शुक्रवार देर रात ही चंडीगढ़ पहुंचे हैं।