नई दिल्ली, 31 अगस्त (The News Air)
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण का एक नया वैरिएंट C.1.2 सामने आने से वैज्ञानिकों की चिंता बढ़ गई है। दक्षिण अफ़्रीका और कई अन्य देशों में नया स्वरूप (Coronavirus New Variant) मिला है। जानकारी के मुताबिक़ कोरोना का ये वेरिएंट और ज़्यादा संक्रामक हो सकता है। C.1.2 पहले मिले वेरिएंटों से अधिक ख़तरनाक है, ये कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) से मिलने वाली सुरक्षा को मात दे सकता है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि दक्षिण अफ़्रीका में COVID-19 की पहली लहर के दौरान सामने आए वायरस के Subtypes में से एक C.1 की तुलना में C.1.2 ज़्यादा म्यूटेट हुआ, जिसे ‘Nature of Interest’ की श्रेणी में रखा गया है।
हाल ही में हुए एक अध्ययन में पता चला है कि दक्षिण अफ़्रीका में C.1.2 के जीनोम हर महीने बढ़ रहे हैं। यह मई में 0.2 प्रतिशत से बढ़कर जून में यह 1.6 प्रतिशत हो गया और जुलाई में यह 2 प्रतिशत हो गया। बताया गया कि यह देश में बीटा और डेल्टा वेरिएंट्स में वृद्धि की ही तरफ़ है। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह वेरिएंट कोरोना के तमाम म्यूटेशन का परिणाम है, जो प्रोटीन में बढ़ोतरी के कारण मूल वायरस से काफ़ी अलग हो जाता है।
टीकाकरण के लिए बन सकता है चुनौती-वैज्ञानिकों का कहना है कि इस वेरिएंट का ट्रांसमिशन ज़्यादा हो सकता है और इसके तेज़ी से फैलने की संभावना है। बढ़े हुए प्रोटीन में कई म्यूटेशन होते हैं, जिससे यह रोग प्रतिरोधी क्षमता के कंट्रोल में नहीं होगा और अगर फैलता है तो पूरी दुनिया में टीकाकरण के लिए चुनौती बन जाएगा।
इन देशों में फैल गया कोविड-19 का नया वेरिएंट- दक्षिण अफ़्रीका स्थित नेशनल इंस्टिट्यूट फॉर कम्युनिकेबल डिजीज एंड क्वाजुलु नैटल रिसर्च इनोवेशन एंड सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म के वैज्ञानिकों ने बताया कि इसी साल मई में कोरोना के इस नए वेरिएंट C.1.2 का पता चला था। इसके बाद से यह वेरिएंट चीन, कांगो, मॉरीशस, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, पुर्तगाल और स्विटजरलैंड में मिल चुका है।
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