चंडीगढ़ (The News Air) पंजाब के हजारों करोड़ रुपए के ड्रग्स मामले में नौकरी से बर्खास्त AIG राजजीत सिंह से कई बड़े खुलासे होंगे। राजजीत पंजाब के ड्रग माफिया की एक कड़ी है। उसे पंजाब के सरकारी, यहां तक कि पंजाब पुलिस के कई सीनियर अधिकारियों का भी साथ था। आरोपी राजजीत के गिरफ्त में आने पर कई राज खुलेंगे। यह दावा आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख प्रवक्ता मालविंदर सिंह कंग ने किया है।
AAP नेता मालविंदर कंग ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी की जन कल्याणकारी नीतियों और कार्यों की जानकारी दी। उसी दौरान कंग से पूछे गए सवाल पर उन्होंने राजजीत सिंह को पंजाब के कई बड़े सरकारी अधिकारियों का साथ मिलने की बात कही। कंग ने कहा कि सभी अधिकारियों की जानकारी पंजाब सरकार के पास मौजूद है, लेकिन मामले की जांच फिलहाल जारी है, इस कारण सभी नाम सार्वजनिक नहीं किए जा सकते।
आरोपी की तलाश में है STF व अन्य यूनिट्स
पंजाब पुलिस समेत STF आरोपी AIG राजजीत सिंह की तलाश में जुटी है। लेकिन करीब सवा महीने बाद भी उसका कोई सुराग नहीं लग सका है। इसके अलावा पंजाब विजिलेंस भी राजजीत द्वारा ड्रग मनी से अर्जित उसकी संपत्ति का पता लगाने में जुटी है।
राजजीत सिंह को आपराधिक साजिश, रिकॉर्ड में हेराफेरी व जबरन वसूली की धाराओं के तहत नामजद किया गया है। जल्द गिरफ्तार करने के मकसद से उसका लुकआउट सर्कुलर भी जारी किया गया है। लेकिन जांच एजेंसी उसकी लोकेशन ट्रेस करने में विफल है।
कार्रवाई की भनक लगने पर राजजीत अंडरग्राउंड
CM भगवंत मान द्वारा ड्रग मामले और आरोपी AIG राजजीत सिंह के खिलाफ कार्रवाई की सूचना को ऑन कैमरा सार्वजनिक कर दिया गया था। कार्रवाई बारे पता लगने पर राजजीत सिंह को फरार होने का खुला समय मिल गया और वह पुलिस या विजिलेंस के समक्ष पेश होने के बजाय अंडरग्राउंड हो गया।
ADGP को एक महीने में सौंपनी थी रिपोर्ट
जेल में बंद बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत और AIG राजजीत सिंह के संबंधों की जांच के लिए ADGP आरके जायसवाल के अध्यक्षता में SIT भी गठित की गई है। आरके जायसवाल को एक महीने की समयावधि में जांच पूरी कर राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन यह रिपोर्ट सौंपे जाने की सूचना अभी तक सार्वजिनक नहीं की गई है।
यह है मामला
दरअसल, साल 2017 में AIG राजजीत के साथी इंस्पेक्टर इंद्रजीत को हथियार व ड्रग्स तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसके घर की तलाशी में AK-47, 4 किलो हेरोइन, 3 किलो स्मैक का नशा और अन्य देसी हथियार बरामद किए गए थे।
इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह को नौकरी से बर्खास्त किया गया। इस मामले में AIG राजजीत सिंह पर बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत का बचाव करने, गलत रिकॉर्ड पेश करने के आरोप हैं। साथ ही बरामद नशा सामग्री से छेड़छाड़ और इंद्रजीत को प्रमोशन देने के आरोप भी हैं।
राजजीत और इंद्रजीत 2012 से 2017 तक एकसाथ रहे तैनात
आरोपी AIG राजजीत सिंह और इंस्पेक्टर कई जगहों पर एकसाथ तैनात रहे। साल 2012 से 2017 तक जिन जगहों पर राजजीत सिंह की तैनाती हुई, उसने इंद्रजीत सिंह को भी अपने साथ रखा। इसके लिए राजजीत सिंह सिफारिशी लेटर लिख कर इंद्रजीत की ट्रांसफर करवाता रहा है। दोनों गुरदासपुर, तरनतारन, मोगा और जालंधर एकसाथ तैनात रहे हैं।