नई दिल्ली, 4 दिसंबर (The News Air) एक नई रिपोर्ट के अनुसार, मांग में मंदी के बीच भारतीय आईटी सर्विस इंडस्ट्री में अगली दो-तीन तिमाहियों में नियुक्तियां कम होने की उम्मीद है, क्योंकि कंपनियां कम राजस्व वृद्धि की पृष्ठभूमि में अपनी लाभप्रदता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय आईटी सर्विस कंपनियों ने वित्त वर्ष 2021 की दूसरी तिमाही से वित्त वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही के दौरान बड़े पैमाने पर नियुक्तियां की, क्योंकि कोविड-19 महामारी के बाद डिजिटलीकरण की मांग में तेजी आई है।
इसके साथ ही, टैलेंट की बढ़ती मांग के कारण इंडस्ट्री में नौकरी छोड़ने की दर भी बढ़कर 22-23 प्रतिशत हो गई। इसके चलते इंडस्ट्री की टॉप-5 कंपनियों ने वित्त वर्ष 2022 में रिकॉर्ड 2,73,000 कर्मचारियों और वित्त वर्ष 2023 की पहली छमाही में 94,400 अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति की।
रिपोर्ट के अनुसार, “हालांकि, वित्तीय वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही के बाद से, वैश्विक व्यापक आर्थिक माहौल में अनिश्चितता के कारण आईटी सर्विस के लिए समग्र मांग का माहौल कमजोर हो गया।”
इससे इस अवधि के दौरान कर्मचारियों की शुद्ध वृद्धि नकारात्मक रही, क्योंकि कंपनियों ने नियुक्तियां कम कर दी और समग्र उपयोग स्तर में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया।
इससे हाल की तिमाहियों में कंपनियों को अपनी कर्मचारी लागत और लाभ मार्जिन बनाए रखने में मदद मिली है।
आईसीआरए को उम्मीद है कि प्रमुख बाजारों यानी अमेरिका और यूरोप में अनिश्चित व्यापक आर्थिक माहौल के कारण भारतीय आईटी सर्विस इंडस्ट्री की राजस्व वृद्धि वित्त वर्ष 2024 में यूएसडी के संदर्भ में 3-5 प्रतिशत तक कम हो जाएगी, जबकि वित्त वर्ष 2023 में यह 10 प्रतिशत होगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, ”मंदी अगले कुछ तिमाहियों तक जारी रहने की उम्मीद है, जिससे इंडस्ट्री में नियुक्तियों में कुल मिलाकर मंदी आएगी।”
इसमें कहा गया है कि हाल की तिमाहियों में नौकरी छोड़ने की दर में गिरावट आई है, जिससे इंडस्ट्री में डिमांड-सप्लाई मिसमैच को कम करने में मदद मिली है।