The News Air- पंजाब कांग्रेस में टिकट बँटवारे को लेकर मचे घमासान में अब महिला कांग्रेस भी कूद गई है। प्रदेश महिला कांग्रेस का आरोप है कि उनके संगठन से टिकट के 12 दावेदार थे लेकिन किसी को टिकट नहीं मिली। अगर लड़की यूपी में लड़ सकती है तो फिर पंजाब की महिलाएं भी लड़कर हक़ लेना चाहती हैं।
महिला कांग्रेस की प्रदेश प्रधान बलवीर रानी सोढ़ी ने कहा कि अगर कांग्रेस ने इस तरह नज़रअंदाज करना है तो फिर इस इकाई को भंग ही कर दो। कांग्रेस के सांसदों के पास हमसे मिलने का वक़्त नहीं, तो फिर ऐसे संगठन का क्या मतलब है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस की बची 8 टिकटें महिला कांग्रेस से जुड़ी महिला नेताओं को दी जाएं।
हमेशा यूथ कांग्रेस को दी जगह
बलवीर रानी सोढ़ी ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा यूथ विंग को तरजीह दी है। यूथ कांग्रेस से रवनीत बिट्टू सांसद बने। विजयेंद्र सिंगला और अमरिंदर राजा वड़िंग मंत्री बने। इसके उलट महिला कांग्रेस में किसी को टिकट नहीं दी जाती।
पार्टी प्लेटफॉर्म पर महिलाओं की वैल्यू नहीं
बलवीर रानी ने कहा कि कांग्रेस के पार्टी प्लेटफॉर्म में महिलाओं की कोई वैल्यू नहीं है। हमें उम्मीद थी कि चरणजीत चन्नी के सीएम बनने और नवजोत सिद्धू के पंजाब का कांग्रेस प्रधान बनने के बाद महिलाओं को तरजीह मिलेगी। सिद्धू तो साहनेवाल में सतविंदर बिट्टी का प्रचार करने भी गए थे लेकिन उनको तक टिकट नहीं मिली।
जीत की क्षमता ही दावा तो 117 सीटें जीतनी चाहिए
बलवीर रानी ने कहा कि अगर पार्टी कहती है कि वह जीतने वाले कैंडिडेट को टिकट दे रहे हैं तो इस हिसाब से हमें 117 सीटें मिलनी चाहिए। पंजाब में 50 फ़ीसदी वोट होने के बावज़ूद महिलाओं को नज़रअंदाज किया गया।