नई दिल्ली, 2 अगस्त (The News Air)
Corona के अब तक के सबसे घातक स्वरूप डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) पर कोवैक्सीन (Covaxin) कारगर साबित हुई है। यह ICMR Study में सामने आया है कि डेल्टा के तीनों म्यूटेशन पर कोवैक्सीन 77 प्रतिशत तक कारगर साबित रही है. यानी अगर इस स्टडी की मानें तो और आपको यह कोवैक्सीन लगी है तो आपको डेल्टा वेरिएंट से सुरक्षा मिल सकती है।
डेल्टा वेरिएंट के ख़िलाफ़ कोवैक्सीन कितनी कारगर है?– जिन लोगों को वैक्सीन लगी है में स्टडी करके यह साने आया है कि डेल्टा का संक्रमण (Delta Variant) होने पर उन्हें कितनी सुरक्षा मिली. डेल्टा वेरिएंट पर कोवैक्सीन (Covaxin) कितना काम कर रही है, यह जानने के लिए 25 हज़ार 798 लोगों पर स्टडी की गई। कोरोना से ग्रस्त लोगों में यह वैक्सीन 63.6% कारगर सही पाई गई और जो लोग संक्रमित नहीं हुए थे, उनमें ये 65.2 प्रतिशत तक कारगर पाई गई है।
कुल मामलों में से 90 प्रतिशत डेल्टा वेरिएंट के- ऐसा भी माना जा रहा है कि भारत में इस समय हो रहे कोरोना के कुल मामलों में से 90 प्रतिशत डेल्टा वेरिएंट की वजह से ही हो रहे हैं। इसी तरह ब्रिटेन और अमेरिका में भी डेल्टा वेरिएंट ही सबसे तेज़ी से फैल रहा है। यह बाकी तीन वेरिएंट ऑफ़ कंसर्न (Alpha, Beta, Gama) के मुक़ाबले ज़्यादा तेज़ी से फैल रहा है और मरीज़ के लिए बेहद ख़तरनाक भी होता है।
दोनों डोज़ लगने के उपरांत पुख़्ता सुरक्षा कवच- डेल्टा के 4 म्यूटेशन हो चुके हैं। डेल्टा AY.1, AY.2 और AY.3. ऐसा भी माना जाता है कि डेल्टा सबसे पहले भारत में अप्रैल 2021 में मिला था। बाद में यह बाकी देशों में फैल गया। अब डेल्टा यूरोप, एशिया और अमेरिका में तबाही मचा रहा है। हालांकि इस स्टडी में यह पाया गया कि वैक्सीन की दोनों डोज़ लगने के उपरांत तो डेल्टा वेरिएंट से काफ़ी हद तक सुरक्षा मिलती ही है।
कोवैक्सीन का ट्रायल बच्चों पर भी है चालू- ऐसे लोग जिन्हें दूसरी बार कोरोना हो रहा है या वैक्सीन लगने के बाद कोरोना हो रहा है, जिसे ब्रेक थ्रू इंफेक्शन भी कहा जाता है, उन मामलों में भी कोवैक्सीन से सुरक्षा मिल रही है। कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और आईसीएमआर ने मिलकर तैयार किया है। अब इस वैक्सीन का ट्रायल बच्चों पर भी चल रहा है। जल्द ही सितंबर तक यह वैक्सीन बच्चों पर ट्रायल पूरे कर सकती है।