चंडीगढ़, 15 जनवरी (The News Air) पंजाब के कुछ नेता व अधिकार विजिलेंस की राडार पर आ सकते हैं, क्योंकि पंजाब में बिजली समझौतों पर अब सरकार की पैनी नजर हैं। मिली खबर के अनुसार पंजाब में साल 2007 से 2017 तक हुए बिजली समझौतों की जांच विजिलेंस ब्यूरो द्वारा की जाएगी। पावरकॉम ने उक्त सालों के सभी रिकार्ड विजिलेंस को सौंप दिए हैं। इन समझौतों में थर्मल पावर प्रोजेक्ट व सोलर एनर्जी पावर प्रोजेक्ट शामिल हैं।
गौरतलब है कि विजिलेंस के तकनीकी माहिरों ने रिकॉर्ड की जांच शुरू कर दी है। अगर जांच के बाद इन रिकार्ड में कोई दोष पाए गए तो संबंधित लोगों से पूछताछ की जाएगी। 2007-2017 में अकाली दल व भाजपा का गठबंधन रहा है और उस समय उनकी सरकार थी। बता दें 2021 में पूर्व सी.एम. चरणजीत जीत चन्नी की कांग्रेस सरकार के समय में भी इन समझौतों की जांच के लिए विजिलेंस कमिश्नर महिताब गिल द्वारा करने का ऐलान किया गया था, रिकार्ड तलब होने के बावजूद इसका कोई हल नहीं निकला।
पंजाब मुक्यमंत्री भगवंत मान ने गोइंदवाल थर्मल प्लांट के खरीदने की बात झांस करते हुए ऐलान किया था कि बिजली समझौते की गहनता से जांच करवाई जाएगी। उन्होंने कई नेताओं के बिना नाम लिए हुए तंज भी कसा था। विजिलेंस जांच में 1980 मेगावॉट के तलवंडी साबों थर्मल प्लांट, 1400 मेगावॉट के राजपुरा थर्मल प्लांट, सोलर एनर्जी से जुड़े समझौते शामिल हैं। अकाली-भाजपा सरकार के समय 22 सोलर प्रोजेक्ट से जुड़े समझौते हुए थे, जिनके रेट भी काफी ज्यादा थे।