• About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy
🔆 सोमवार, 8 दिसम्बर 2025 🌙✨
The News Air
No Result
View All Result
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • पंजाब
  • राज्य
    • हरियाणा
    • चंडीगढ़
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • उत्तर प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • पश्चिम बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • राजस्थान
  • अंतरराष्ट्रीय
  • सियासत
  • नौकरी
  • LIVE
  • बिज़नेस
  • काम की बातें
  • टेक्नोलॉजी
  • मनोरंजन
  • खेल
  • लाइफस्टाइल
    • हेल्थ
    • धर्म
  • स्पेशल स्टोरी
No Result
View All Result
The News Air
No Result
View All Result
Home Breaking News

तुर्किए-सीरिया में तबाही का खौफनाक मंजर, सवाल- भूकंप की भविष्यवाणी करना इतना कठिन क्यों है?

The News Air by The News Air
शनिवार, 11 फ़रवरी 2023
A A
0
Earthquake Prediction

Earthquake Prediction

104
SHARES
690
VIEWS
ShareShareShareShareShare
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Earthquake Prediction: पश्चिमी एशियाई देशों तुर्किए और सीरिया में आए भूकंप (Turkiye-Syria Earthquake) ने बड़ी तबाही मचाई है. अब तक वहां 24 हजार से ज्‍यादा मौतें हो चुकी हैं, जबकि 40 हजार से ज्‍यादा लोग जख्‍मी हुए हैं. इनके अलावा काफी लोगों के भूकंप (Earthquake) से जमीदोज हुईं इमारतों के मलबे में दबे होने की आशंका है. इस तबाही के बाद कई भूवैज्ञानिकों ने कहा कि उन्‍होंने तुर्किए में विनाशकारी भूकंप आने की चेतावनी दी थी. हालांकि, भूकंप इतना घातक था कि इतने कम समय में लाखों लोगों को इससे बचाना असंभव था.

तुर्किए और सीरिया में आए भूकंप की तीव्रता 7.8 थी, अब तक ऐसे बहुत कम ही भूकंप पश्चिमी एशिया में आए हैं. यूं तो धरती पर रोजाना सैकड़ों बार हलचल होती है, लेकिन उन भूकंप का असर बहुत कम पड़ता है. यानी कि हर दिन सैकड़ों भूकंप आते हैं, लेकिन क्‍या वे इतने तीव्र नहीं होते कि हम उन्हें नोटिस कर सकें? कुछ भूकंप, जो भारी क्षति पहुंचाते हैं और जन-हानि का कारण बनते हैं, क्‍या उनकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती?

तुर्किए में आए भूकंप के जैसी भयानक घटनाएं कई सवाल खड़े करती हैं, आइए इनका जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं.

यह भी पढे़ं 👇

Indian Railway Rules

Indian Railway Rules: ट्रेन की चेन बिना वजह खींची तो होगी जेल, जानें नए नियम

सोमवार, 8 दिसम्बर 2025
Aaj Ka Rashifal 8 December 2025

Aaj Ka Rashifal 8 December 2025: जानिए आज का दिन कैसा रहेगा आपका

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
Kultar Sandhwan

बेअदबी पर भगदड़! श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के गुम हुए 328 सरूपों के मामले में 16 लोगों पर FIR

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
India Russia USA Relations

Putin की Delhi यात्रा के बाद America ने बदली Strategy, New World Order में भारत!

रविवार, 7 दिसम्बर 2025

भूकंप आता है तो किसकी ‘गलती’ है?

भूवैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी की सतह कई किलोमीटर की कठोर चट्टान से बनी है जो टेक्टोनिक प्लेट्स कहे जाने वाले गतिमान टुकड़ों की बताई जाती है, जो गर्म, तरल चट्टान के समुद्र पर स्थित है और ठंडा होने पर लुढ़कती है, हल्‍की प्लेटों को चारों ओर धकेलती है. कहा जाता है कि प्‍लेटों का यही टकराव भूकंप होता है. बहुत-से भूकंप और ज्वालामुखी सतह पर होते हैं, जहां प्लेट्स मिलती हैं. पृथ्वी के अंदर की प्रक्रिया के चलते प्‍लेट्स पर दबाव पड़ता है, और जब अचानक दबाव हटता है और प्लेट हिलती है, तो ऊर्जा से आस-पास की चट्टान में विस्फोट होता है.

आप कैसे जानते हैं कि भूकंप कितना शक्तिशाली था?

भूकंप का पता लगाने के लिए वैज्ञानिक सिस्मोग्राफ का उपयोग करते हैं, उनके पास जमीन के झटकों को रिकॉर्ड करने वाली सुइयां होती हैं, लेकिन अब कई उपकरण पूरी तरह से डिजिटल हैं. इनका एक वैश्विक नेटवर्क है, साथ ही साथ स्थानीय और क्षेत्रीय नेटवर्क भी हैं, और अधिकांश डेटा ओपन-सोर्स है और ऑटोमैटिक कनेक्‍टेड है. कम से कम 3 मापों को मिलाकर, सिस्टम भूकंप के स्थान, अवधि और आकार को सटीक रूप से मैप कर सकता है.

सीस्मोमीटर के अलावा, भूवैज्ञानिकों और सीस्मोलॉजिस्टों के पास पृथ्वी की पपड़ी की गतिविधियों के बारे में डेटा एकत्र करने के लिए कई तरह के उपकरण होते हैं. जीपीएस से जुड़े सेंसर सतह पर गति को मापने के लिए भूकंपीय रूप से सक्रिय साइटों के पास रखे जाते हैं. किसी घटना से पहले और बाद में ली गई सैटेलाइट तस्वीरों की तुलना पिक्सेल-दर-पिक्सेल की जा सकती है. पृथ्वी की सतह कैसे बदलती है, यह जानने के लिए InSAR नामक एक उपग्रह-आधारित रडार सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है.

InSAR की तकनीक है बहुत उपयोगी

InSAR पृथ्वी की परिक्रमा पर कक्षा से रेडियो तरंगों के बीम को दर्शाता है, और इंटरफेरोमेट्री रिकॉर्ड की एक प्रक्रिया सतह की ऊंचाई में सटीक रूप से मिलीमीटर में परिवर्तन करती है. जमीन पर क्या बदला है यह देखने के लिए सैटेलाइट दो बार गुजरता है. इस तरह की तकनीकों को अब बड़े डेटासेट पर भी आजमाया जा रहा है ताकि, उससे भूकंप के तेजी से सिग्नल मिल सकें.

क्या एक भूकंप दूसरे भूकंप का कारण बन सकता है?

हालांकि कोई भूकंप अन्य भूकंपों को ट्रिगर करने के लिए जाने जाते हैं, ऐसा कैसे होता है यह वैज्ञानिकों के बीच बड़ी चर्चा का विषय है. आमतौर पर भूकंप दो विरोधाभासों को उजागर करते हैं कि मनुष्य प्राकृतिक दुनिया को कैसे समझता है, वे मनुष्य के अनुभव की तुलना में लंबे समय तक होते हैं और लोगों की प्रत्यक्ष रूप से निरीक्षण करने की क्षमता से कहीं अधिक गहराई पर होते हैं. वैज्ञानिक मॉडल बनाकर और संभावनाओं की गणना करके इसका प्रबंधन करते हैं.

भूकंप के बाद, वैज्ञानिक यह समझने के लिए डेटा देखते हैं कि आगे क्या हो सकता है. वॉशिंगटन विश्वविद्यालय में अर्थ साइंस के प्रोफेसर हेरोल्ड टोबिन ने कहा, “हमें पृथ्वी पर एक स्टेथेस्कोप लगाना होगा, यह निर्धारित करने के लिए कि वहां क्या हो रहा है.”

हमें कैसे पता चलेगा कि भूकंप आ रहा है?

वैज्ञानिकों से हर समय पूछा जाता है कि क्या भूकंप की भविष्यवाणी करना संभव है. इस बारे में एक वैज्ञानिक ने कहा, “हम एक अल्पकालिक पूर्वानुमान के पास नहीं हैं.” यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे, जो वैश्विक भूकंपीय घटनाओं का दस्तावेजीकरण करता है, भविष्यवाणी मिथकों को दूर करने के लिए एक वेबपेज चला रहा है. वैज्ञानिक ने कहा, ‘एक बड़े भूकंप के बाद, भारी मात्रा में डेटा एकत्र और डिक्रिप्ट किया जाता है, और इसमें से कुछ तुरंत उपयोगी होते हैं.’ उन्‍होंने कहा, “हम उन जगहों के बारे में गणना कर सकते हैं, जहां परिणामस्वरूप भूकंप आने की कम या ज्यादा संभावना है.”

पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now
पर खबरें पाने के लिए जुड़े Join Now

Related Posts

Indian Railway Rules

Indian Railway Rules: ट्रेन की चेन बिना वजह खींची तो होगी जेल, जानें नए नियम

सोमवार, 8 दिसम्बर 2025
Aaj Ka Rashifal 8 December 2025

Aaj Ka Rashifal 8 December 2025: जानिए आज का दिन कैसा रहेगा आपका

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
Kultar Sandhwan

बेअदबी पर भगदड़! श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के गुम हुए 328 सरूपों के मामले में 16 लोगों पर FIR

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
India Russia USA Relations

Putin की Delhi यात्रा के बाद America ने बदली Strategy, New World Order में भारत!

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
Vande Mataram 150th Anniversary

Vande Mataram 150th Anniversary: संसद में गूंजेगा राष्ट्रगीत, PM Modi और Amit Shah करेंगे चर्चा की शुरुआत

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
Navjot Singh Sidhu on return to active politics

Navjot Singh Sidhu Return: CM बनने के लिए चाहिए 500 करोड़?

रविवार, 7 दिसम्बर 2025
0 0 votes
Rating
Subscribe
Notify of
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments
The News Air

© 2025 THE NEWS AIR

The News Air

  • About
  • Privacy & Policy
  • Contact
  • Disclaimer & DMCA Policy

हमें फॉलो करें

No Result
View All Result
  • प्रमुख समाचार
    • राष्ट्रीय
    • पंजाब
    • अंतरराष्ट्रीय
    • सियासत
    • नौकरी
    • बिज़नेस
    • टेक्नोलॉजी
    • मनोरंजन
    • खेल
    • हेल्थ
    • लाइफस्टाइल
    • धर्म
    • स्पेशल स्टोरी
  • राज्य
    • चंडीगढ़
    • हरियाणा
    • हिमाचल प्रदेश
    • नई दिल्ली
    • महाराष्ट्र
    • पश्चिम बंगाल
    • उत्तर प्रदेश
    • बिहार
    • उत्तराखंड
    • मध्य प्रदेश
    • राजस्थान
  • काम की बातें

© 2025 THE NEWS AIR