PM Modi Gujarat Rally Expense: आम आदमी पार्टी ने गुजरात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं और दावा किया है कि इस एक कार्यक्रम पर लगभग 50 करोड़ रुपये खर्च किए गए जिसमें आदिवासी कल्याण के लिए आवंटित फंड का इस्तेमाल हुआ। आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता अनुराग ढांडा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में RTI और विधानसभा में पूछे गए सवालों के आधार पर यह जानकारी सार्वजनिक की है जिसमें 2 करोड़ रुपये के चाय-समोसे, 7 करोड़ का पंडाल और 7 करोड़ रुपये बसों पर खर्च होने का दावा किया गया है।
क्या है पूरा मामला?
आम आदमी पार्टी के गुजरात के विधायक और आदिवासी समाज के नेता चैतर वसावा ने जब अपने विधानसभा क्षेत्र डेडियापाड़ा में हुए प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बारे में RTI लगाई और सदन में सवाल पूछा तो जो जवाब मिला वो चौंकाने वाला था। आम आदमी पार्टी का कहना है कि आदिवासी समुदाय के विकास के लिए जो फंड सरकार के खाते में होता है उसमें से 50 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनसे जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों में VIP की सुविधाओं को जुटाने में खर्च कर दिए गए।
खर्चे का चौंकाने वाला ब्योरा
आम आदमी पार्टी ने जो आंकड़े पेश किए उनके मुताबिक डेडियापाड़ा में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में 7 करोड़ रुपये का पंडाल लगाया गया। इसके अलावा 2 करोड़ रुपये का उस पंडाल में गुंबद यानी डोम बनाया गया। 5 करोड़ रुपये स्टेज बनाने के लिए खर्च किए गए। 2 करोड़ रुपये के चाय और समोसे VIP लोगों ने इन कार्यक्रमों में खाए। 7 करोड़ रुपये लोगों को जुटाने के लिए बसें अरेंज करने में खर्च हुए और 2 करोड़ रुपये टॉयलेट और साफ-सफाई के लिए खर्च किए गए।
2 करोड़ के समोसे का हिसाब
अगर 10 रुपये में एक समोसा आता है तो 2 करोड़ रुपये में 20 लाख समोसे बनते हैं। अगर मान लें कि 500 VIP इस कार्यक्रम में आए होंगे तो एक आदमी को 4000 समोसे खाने पड़ते जो किसी भी हालत में संभव नहीं है। यह सवाल उठता है कि आखिर इतना खर्च कैसे हुआ और क्या वाकई में इतने समोसे बने और खाए गए या फिर हिसाब में कुछ गड़बड़ी है।
आदिवासी कल्याण का पैसा कहां गया?
आम आदमी पार्टी का कहना है कि जिस इलाके में करीब 12 हजार बच्चे कुपोषण के शिकार हैं उनके कुपोषण को दूर करने के लिए जिस आदिवासी फंड का इस्तेमाल होना था वो प्रधानमंत्री की रैली में खर्च कर दिया गया। उनके इलाके में स्कूल के निर्माण के लिए, अस्पताल के निर्माण के लिए, सड़कों के निर्माण के लिए, पानी की व्यवस्था के लिए और कुपोषण दूर करने के लिए जो फंड आदिवासी समाज के बच्चों के भविष्य के लिए इस्तेमाल होना था वो रैली में खर्च हो गया।
AAP ने जारी किया पोस्टर
आम आदमी पार्टी ने एक पोस्टर भी जारी किया है जिसमें लिखा है कि “फकीरी का बिल इतना है”। इसमें 7 करोड़ का टेंट, 5 करोड़ का मंच और 7 करोड़ बस व भीड़ लाने पर खर्च का जिक्र है। पार्टी ने यह भी बताया कि सारी डिटेल्स डिपार्टमेंट वाइज उनके पास मौजूद हैं जिसमें कौन से डिपार्टमेंट ने कितना खर्च किया वो सब लिखा है।
BJP को 6000 करोड़ का चंदा
आम आदमी पार्टी ने यह भी याद दिलाया कि फरवरी 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड को अवैध करार दिया और खारिज कर दिया था। जिस साल इस बॉन्ड को खत्म किया गया उस वित्त वर्ष में BJP को 6000 करोड़ से अधिक का चंदा मिला है। पार्टी ने सवाल उठाया कि जब इतना चंदा मिल रहा है तो आदिवासी कल्याण के फंड से खर्च क्यों किया गया।
PMO से जवाब की मांग
आम आदमी पार्टी ने मांग की है कि प्रधानमंत्री मोदी का कार्यालय इन आरोपों पर तुरंत जवाब दे और स्पष्ट करे कि जनजातीय गौरव सम्मान कार्यक्रम में 50 करोड़ रुपये कैसे खर्च हो गए। साथ ही पार्टी ने यह भी पूछा है कि 2014 से लेकर अब तक प्रधानमंत्री मोदी के केवल सरकारी कार्यक्रमों पर कुल कितने करोड़ खर्च हुए हैं। पार्टी का कहना है कि जिस SK कैटरर्स को 2 करोड़ से अधिक का भुगतान किया गया है कम से कम वही अपना पक्ष रखे कि इतने का समोसा कहां बना और कैसे बना।
मुख्य बातें (Key Points)
- आम आदमी पार्टी का आरोप कि PM मोदी के गुजरात कार्यक्रम पर 50 करोड़ रुपये खर्च हुए जिसमें आदिवासी कल्याण फंड का इस्तेमाल किया गया
- 7 करोड़ का पंडाल, 5 करोड़ का स्टेज, 2 करोड़ के चाय-समोसे और 7 करोड़ बसों पर खर्च होने का दावा
- AAP विधायक चैतर वसावा ने RTI और सदन में सवाल पूछकर यह जानकारी हासिल की
- पार्टी ने PMO से इन आरोपों पर जवाब देने की मांग की है






