टाटा ग्रुप की प्रमुख आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) इस साल निवेशकों के लिए निराशाजनक साबित हुई है। कमजोर डिमांड, अमेरिकी ट्रंप टैरिफ और एच-1बी वीजा नियमों में सख्ती ने कंपनी को बड़ा झटका दिया।
मार्केट कैप में भारी गिरावट:
31 दिसंबर 2024 को TCS का मार्केट कैप 14.81 लाख करोड़ रुपये था, जो अब घटकर 10.71 लाख करोड़ रुपये रह गया है। इस साल शेयरों में 28% की गिरावट आई है, जबकि पिछले एक साल में शेयर का भाव 30% तक टूटा।
शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म प्रदर्शन:
बीते 6 महीने में शेयर 19%, और पिछले 3 महीने में 14% गिर चुका है। रिपोर्ट के अनुसार इस स्टॉक का RSI 33 के करीब है, जो इसे ओवरसोल्ड जोन में दर्शाता है। सिंपल मूविंग एवरेज में यह शेयर शॉर्ट और लॉन्ग टर्म दोनों रेंज में नेगेटिव ट्रेंड दिखा रहा है।
आज शेयर ने छुआ 52-विक लो:
शुक्रवार को TCS के शेयर बीएसई में 2940 रुपये पर खुले और दिन के दौरान 1% से अधिक गिरकर 2920 रुपये पर आ गए। यह इस शेयर का 52-week low है।
लंबी अवधि का प्रदर्शन:
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पिछले 2 साल में शेयर 18% गिरा।
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पिछले 3 साल में 2% से अधिक गिरावट।
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बीते 5 साल में TCS ने मात्र 20.92% रिटर्न दिया, जबकि सेंसेक्स ने इस दौरान 116% का रिटर्न हासिल किया।
संदर्भ / बैकग्राउंड
TCS भारत की सबसे बड़ी IT सर्विस कंपनी है और इसका व्यवसाय मुख्य रूप से अमेरिका, यूरोप और एशिया में फैला है। अमेरिकी मार्केट में H-1B वीजा नियमों की कड़ी निगरानी और बढ़ते टैरिफ का असर सीधे कंपनी के प्रोजेक्ट्स और रेवेन्यू पर पड़ता है। इन कारकों ने निवेशकों का भरोसा हिलाया और शेयर में गिरावट का मुख्य कारण बने।
मुख्य बातें (Key Points)
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TCS के शेयर इस साल 28% टूटे, मार्केट कैप में ₹4 लाख करोड़ की गिरावट।
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शेयर आज 52-विक लो पर पहुँच गया, 2920 रुपये।
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पिछले 5 साल में शेयर ने 20.92% रिटर्न दिया, सेंसेक्स ने 116% दिया।
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कमजोर डिमांड, ट्रंप टैरिफ और H-1B वीजा नियमों की सख्ती गिरावट का मुख्य कारण।






