खनौरी बॉर्डर (Khannauri Border), 06 जनवरी (The News Air): सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) द्वारा गठित हाई लेवल कमेटी ने सोमवार को किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल (Jagjit Singh Dallewal) से मुलाकात की। डल्लेवाल पिछले 42 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं और किसानों की मांगों को लेकर खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
समिति की अध्यक्षता पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय (Punjab and Haryana High Court) के पूर्व न्यायाधीश नवाब सिंह (Nawab Singh) कर रहे हैं। पैनल ने डल्लेवाल से चिकित्सा सहायता (Medical Assistance) लेने का अनुरोध किया, लेकिन उनकी भूख हड़ताल खत्म कराने में असफल रहा।
किसानों की मांगें और संघर्ष : किसानों की प्रमुख मांगों में:
- MSP (Minimum Support Price) को कानूनी गारंटी देना।
- कृषि सुधार नीतियों पर पुनर्विचार।
- फसलों के उचित दाम सुनिश्चित करना।
- कृषि ऋण माफी और किसानों की आर्थिक सुरक्षा।
जगजीत सिंह डल्लेवाल ने इन मुद्दों को लेकर सरकार पर संवेदनहीनता (Insensitivity) का आरोप लगाया और कहा कि उनकी मांगें जायज हैं, जिन्हें जल्द से जल्द स्वीकार करना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट का हस्तक्षेप: सुप्रीम कोर्ट ने सितंबर 2024 में किसानों और सरकार के बीच विवादों को सुलझाने के लिए हाई लेवल कमेटी (High-Level Committee) का गठन किया था।
- यह समिति किसानों की समस्याओं का सौहार्दपूर्ण समाधान (Amicable Solution) निकालने के उद्देश्य से बनाई गई थी।
- कमेटी ने सोमवार को किसानों और पंजाब सरकार के प्रतिनिधियों से बातचीत की।
पंजाब सरकार की भूमिका : पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal) के माध्यम से बताया कि समिति किसानों और सरकार के बीच समाधान निकालने के लिए लगातार प्रयासरत है।
- सरकार ने किसानों की कई मांगों को गंभीरता (Seriousness) से लिया है, लेकिन भूख हड़ताल जैसी स्थिति चिंता का विषय है।
- समिति ने हड़ताल समाप्त करने के लिए किसानों से संवाद (Dialogue) जारी रखने का आग्रह किया।
अनशन से बिगड़ती सेहत और मेडिकल अपील : 42 दिनों के लंबे अनशन के चलते डल्लेवाल की सेहत तेजी से गिर रही है।
- पैनल ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति (Health Condition) को देखते हुए तुरंत चिकित्सा सहायता लेने की अपील की।
- डल्लेवाल ने कहा कि वे किसानों की मांगें पूरी हुए बिना हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे।
सुप्रीम कोर्ट पैनल और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के बीच की बातचीत फिलहाल बेनतीजा रही। किसानों की मांगों और उनके संघर्ष पर समाधान निकालने के लिए सरकार और न्यायपालिका को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। अनशन के कारण डल्लेवाल की सेहत पर खतरा बढ़ता जा रहा है, लेकिन उनका हौसला अभी भी अडिग है।