पत्रकार वार्ता में विक्रमादित्य सिंह भावुक होकर रोने लगे। कहा कि वीरभद्र छह बार सीएम रहे, लेकिन रिज पर उनकी प्रतिमा के लिए जगह नहीं मिली। इससे आहत हूं। कहा कि जनता से चर्चा के बाद आगामी फैसला लूंगा और कहा कि राज्यपाल को इस्तीफा देने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार में मंत्री रहते हुए भी उन्हें कई बार नीचा दिखाने की कोशिश की गई। हाल ही में घटी शिलान्यास पत्रिकाएं तोड़ने की घटना भी इसी से जुड़ी हुई है।
#WATCH हिमाचल प्रदेश सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा, "हमने पार्टी का हमेशा साथ दिया है… मैं आज सिर्फ इतना कहना चाहूंगा कि वर्तमान समय में मेरा इस सरकार में बने रहना ठीक नहीं है। मैंने यह निर्णय लिया है कि मैं मंत्रीमंडल से इस्तीफा दे रहा हूं।" pic.twitter.com/ykx9ggjhmu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 28, 2024
10:51 AM, 28-Feb-2024
#WATCH मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे एक मंत्री के तौर पर अपमानित करने का काम किया गया है, जिस तरह के संदेश विभाग में भेजे जाते हैं, हमें कमजोर करने की कोशिश की गई… सरकार सभी के सामूहिक प्रयास से बनी थी…मैं किसी भी दबाव में नहीं आने वाला…: हिमाचल प्रदेश सरकार में… pic.twitter.com/j5I7x4T8xc
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 28, 2024
10:33 AM, 28-Feb-2024
HP Budget Session Live: सुक्खू सरकार के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने दिया इस्तीफा
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पास बहुमत होने के बावजूद राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में जाने के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। भाजपा विधायक दल के साथ नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बुधवार सुबह राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से मिले और सदन में बजट के लिए मत विभाजन की मांग की। जयराम ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल से मिलकर हमने मौजूदा घटनाक्रम की जानकारी दी। इस सरकार को सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। भाजपा विधायक दल ने राज्यपाल को एक पत्र सौंप गए कई मुद्दे उठाए गए। पत्र में आरोप लगाया कि मंगलवार को विपक्ष की ओर से स्वास्थ्य सुविधाओं पर लाए गए कटौती प्रस्ताव के दौरान स्पीकर और सरकार का व्यवहार भेदभावपूर्ण रहा। स्पीकर ने डिवीजन ऑफ वोट से इन्कार किया। स्वास्थ्य मंत्री के जवाब के दौरान ध्वनिमत से मांग संख्या 9 को पारित किया गया। इस संबंध में सदन में उठाए गए हाथ नहीं गिने गए। स्पीकर ने जान-बूझकर सदन को अगले दिन के लिए स्थगित किया। इसके बाद जब नेता प्रतिपक्ष और अन्य भाजपा विधायक स्पीकर से मिलने गए तो उन्होंने चैंबर का दरवाजा बंद कर दिया। भाजपा विधायकों के साथ मार्शल, सुरक्षाकर्मियों ने धक्कामुक्की की और उन्हें चोटें आईं। भाजपा विधायक दल ने पत्र के जरिये बजट को पारित करते वक्तवोट ऑफ डिवीजन की मांग रखी और इस संबंध में स्पीकर को उचित निर्देश जारी करने को कहा। उधर, भाजपा विधायकों के बाद हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने सुबह 9:30 बजे राजभवन में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से भेंट की।