चंडीगढ़, 3 जून
शिरोमणी अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने आज हाईकोर्ट की निगरानी में जांच की मांग की कि कांग्रेस सरकार निजी अस्पतालों को मोटी कीमत पर वैक्सीन की डोज बेचकर आम आदमी के लिए वैक्सीन की कृत्रिम कमी पैदा कर पंजाबियों के साथ खिलवाड़ कर रही है।
शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष ने यहां पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू के खिलाफ आम आदमी के लिए बनी वैक्सीन को निजी संस्थानों में भेजा जाने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए, क्योंकि यह एक बहुत बड़ा घोटाला है। उन्होने कहा कि इस घोटाले ने कांग्रेस के असली नेता राहुल गांधी को भी उजागर किया है, जिन्होने हाल ही में सभी के लिए मुफ्त वैक्सीन की मांग की थी। उन्होने कहा , ‘ राहुल गांधी को बताना चाहिए कि क्या वह आम आदमी को 1560 रूपये प्रति वैक्सीन देने के लिए पंजाब सरकार का समर्थन करते हैं?’ उन्होने राज्य की मुख्य सचिव विन्नी महाजन की भी निंदा करते हुए कहा कि उन्होने लोगों को दो निजी संस्थाओं में बढ़ी हुई दरों पर वैक्सीन लगवाने की सलाह दी है।
कांग्रेस सरकार द्वारा आम आदमी से इस भेदभाव को तुरंत बंद करने की मांग करते हुए सरदार बादल ने कहा कि अगर वैक्सीन वितरण के व्यापारिक रूप को न रोेका गया तो शिरोमणी अकाली दल को न्याय का रूख करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। उन्होने यह भी घोषणा की कि एक बार शिरोमणी अकाली दल की सरकार बनने पर पूरे मामले की न्यायिक जांच की जाएगी तथा दोषी लोगों के खिलाफ दंड सुनिश्चित किया जाएगा, जिन्होने गरीबों की भलाई और समाज के विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग को खतरे में डाल दिया है।
इस पूरे घोटाले का पर्दाफाश करते हुए सरदार बादल ने कहा कि राज्य में वैक्सीन तो उपलब्ध है, लेकिन उन्हे आम आदमी को मुफ्त में दिए जाने के बजाय निजी संस्थाओं को बेचा जा रहा है। उन्होने कहा कि राज्य की 400 में मिलने वाली डोज प्राइवेट संस्थान 1060 रूपये में बेच रहे हैं। उन्होने कहा कि निजी अस्पताल आगे 1560 रूपये में वैक्सीन बेच रहे हैं। ‘ इससे प्रति परिवार की लागत 6000 रूपये से लेकर 9000 रूपये आती है’। उन्होने कहा कि अकेले मोहाली में एक दिन में करीब दो करोड़ रूपये का लाभ कमाने के लिए निजी संस्थानों को 35000 वैक्सीन की डोज बेची गई।
कांग्रेस सरकार द्वारा वैक्सीन की बिक्री से लाभ कमाने को अनैतिक बताते हुए सरदार बादल ने कहा कि सरकार आर्थिक मंदी के समय लोगों को 1560 रूपये प्रति खुराक लेने के लिए मजबूर कर रही है। उन्होने कहा कि ऐसा करके सरकार ने वैक्सीन वितरण का निगमीकरण करके लोगों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को त्याग दिया है। उन्होने कहा कि ‘ इससे पूरा कोविड प्रबंधक उजागर हो गया है’। सरकार ने झूठे वादों के सिवाय अन्य कुछ नही दिया है। उन्होने कहा कि राज्य द्वारा खरीदी गई वैक्सीन के लिए भुगतान करने के सरकार के फैसले ने वित्तीय कुप्रबंधन के बारे में बात की, सरकार ने पिछले एक साल में कोविड महामारी का मुकाबला करने के लिए 1100 करोड़ रूपये खर्च करने के अपने दावे के अलावा कुछ भी वास्तविक तौर पर कुछ भी नही किया।
भूल्लथ के विधायक सुखपाल खैहरा और आम आदमी पार्टी के दो अन्य विधायकों – जगदेव सिंह कमलू और पीरमल सिंह खालसा का कांग्रेस में जाना यह बताता है कि अब ‘बिल्ली थैले से बाहर है’। बादल ने कहा कि इससे पता लगता है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक ही थैले के चटटे बटटे हैं। इससे पहले कांग्रेस छोड़ने के बाद आप की टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सुखपाल खैहरा ने पंजाब एकता पार्टी (पीईपी) का गठन किया था। निर्मल सिंह मानशाहिया और पीरमल सिंह खालसा दोनों ने खैहरा का समर्थन किया था। अब ये तीनों आधिकारिक तौर पर कांग्रेस खेमे में हैं, जो यह साबित करता है कि आप और कांग्रेस की मिलीभगत है।
शिरोमणी अकाली दल अध्यक्ष ने इंदिरा गांधी के आदेश पर सेना द्वारा सचखंड श्री दरबार साहिब परिसर में टैंकों और तोपों से हमले की बरसी पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इससे न केवल श्री अकाल तख्त साहिब को नुकसान पहुंचा बल्कि हमले के दौरान हजारों श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन सरूप भी अग्नि भेंट हो गए थे। उन्होने कहा कि यह बेहद शर्म की बात है कि गांधी परिवार ने हमले को जायज ठहराने वालों के परिजनों को बढ़ावा देना जारी रखा। उन्होने कहा कि गांधी परिवार ने सुनील जाखड़ और सुखजिंदर रंधावा को उच्च पद दिए गए , जिनके पिता बलराम जाखड़ तथा संतोख सिंह रंधावा ने इंदिरा गांधी के इस कार्य को जायज ठहराया था।