Delhi Weather Update and Air Pollution News : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 22 दिसंबर की सुबह लोगों के लिए सिर्फ कड़ाके की ठंड नहीं, बल्कि जहरीली हवा और कोहरे का ऐसा मिश्रण लेकर आई, जिसने पूरी दिल्ली को एक ‘गैस चेंबर’ में तब्दील कर दिया है। हालात इतने बेकाबू हैं कि एक्यूआई मीटर का कांटा लाल निशान पर है और लोगों का घर के अंदर भी दम घुट रहा है।
दिल्ली वालों की सुबह आजकल सूरज की किरण के साथ नहीं, बल्कि आंखों में जलन, गले में खराश और सीने में भारीपन के साथ हो रही है। शहर में छाई धुंध अब कोहरा नहीं रही, बल्कि यह प्रदूषण, स्मॉग और नमी का एक जानलेवा कॉकटेल बन चुकी है। 22 दिसंबर की सुबह जब लोग सोकर उठे, तो मोबाइल ऐप्स पर एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का लाल रंग का चमकता आंकड़ा डराने वाला था। सुबह 6 बजे दिल्ली का औसत एक्यूआई 360 के पार दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में आता है।
आंकड़े दे रहे खतरे की गवाही
बीते कुछ दिनों के आंकड़ों पर नजर डालें तो स्थिति भयावह नजर आती है। 19 दिसंबर को एक्यूआई 370 के पार था, जबकि 20 दिसंबर को यह खतरनाक स्तर पर पहुंचते हुए लगभग 400 तक जा पहुंचा। 21 दिसंबर को भी राहत की कोई उम्मीद नहीं दिखी। यह साफ है कि प्रदूषण कम होने के बजाय लगातार अपनी जड़ें जमा रहा है। उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड और जहरीले स्मॉग ने मिलकर जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है।
हवाई सफर पर ब्रेक, सड़कों पर रेंगती गाड़ियां
प्रदूषण और घने कोहरे की दोहरी मार का सीधा असर यातायात पर पड़ा है। विजिबिलिटी (दृश्यता) इतनी कम हो गई है कि सड़क पर कुछ मीटर आगे देख पाना भी मुश्किल है, जिससे गाड़ियां रेंगने को मजबूर हैं। इसका सबसे बुरा असर हवाई सेवाओं पर हुआ है। दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ानें लगातार देरी से चल रही हैं और कई फ्लाइट्स को रद्द तक करना पड़ा है। पिछले कुछ दिनों से रोजाना दर्जनों यात्री अपनी फ्लाइट्स के लेट होने या कैंसिल होने से परेशान हो रहे हैं।
सेहत पर भारी पड़ रही जहरीली हवा
डॉक्टरों के लिए यह मौसम किसी मेडिकल इमरजेंसी से कम नहीं है। बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या ब्रोंकाइटिस जैसे सांस के मरीजों की परेशानी तेजी से बढ़ गई है। अस्पतालों में लगातार खांसी और सांस फूलने की शिकायतों वाले मरीज बढ़ रहे हैं। यह हवा इतनी जहरीली है कि घर के अंदर बैठे लोगों को भी अब घुटन महसूस होने लगी है। विशेषज्ञों ने साफ सलाह दी है कि लोग बेवजह बाहर न निकलें और सुबह-शाम की सैर को फिलहाल टाल दें।
ग्रैप-4 की सख्ती बेअसर?
हालात की गंभीरता को देखते हुए एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन ने एनसीआर में ‘ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान’ (GRAP) का सबसे सख्त चरण यानी स्टेज-4 लागू कर दिया है। इसके तहत निर्माण कार्यों पर रोक, डीजल वाहनों पर नियंत्रण और उद्योगों पर निगरानी बढ़ाई गई है। विश्लेषण: हालांकि, एक वरिष्ठ पत्रकार के नजरिए से देखें तो प्रशासनिक सख्ती मौसम की मार के आगे बेबस नजर आ रही है। हवा में नमी और ठंड के कारण प्रदूषक तत्व (Pollutants) जमीन की सतह के पास ही फंस (Trap) गए हैं, जिससे हवा का प्रवाह रुक गया है। जब तक तेज हवाएं नहीं चलतीं, तब तक केवल प्रतिबंधों से इस दमघोंटू स्थिति में बड़ा सुधार होना मुश्किल है।
मौसम विभाग की चेतावनी और राहत की उम्मीद
मौसम विभाग (IMD) ने फिलहाल कोई बड़ी राहत की उम्मीद नहीं जताई है। हिमाचल प्रदेश, पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के लिए घने कोहरे का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया गया है। दिल्ली में भी अगले कुछ दिनों तक कोहरे का सितम जारी रहेगा। हालांकि, मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 23 और 24 दिसंबर के आसपास हवा की रफ्तार थोड़ी बढ़ सकती है, जिससे प्रदूषण के स्तर में कुछ कमी आने की संभावना है। तब तक मास्क ही दिल्ली वालों का सबसे बड़ा सहारा है।
जानें पूरा मामला
सर्दियों के आते ही दिल्ली-एनसीआर में हवा की गुणवत्ता (Air Quality) गंभीर स्तर पर पहुंच जाती है। तापमान गिरने और हवा की गति कम होने से धूल, धुएं और गाड़ियों से निकलने वाला प्रदूषण वातावरण में जम जाता है। वर्तमान में, दिल्ली में एक्यूआई 350-400 के बीच बना हुआ है, जिसे स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक माना जाता है। सरकार ने प्रदूषण को रोकने के लिए GRAP-4 लागू किया है, लेकिन मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण प्रदूषण के कण छंट नहीं पा रहे हैं।
मुख्य बातें (Key Points)
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22 दिसंबर की सुबह दिल्ली का AQI 360 के पार दर्ज किया गया।
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घने कोहरे और स्मॉग के कारण कई फ्लाइट्स लेट और रद्द हुई हैं।
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हिमाचल, यूपी, बिहार और झारखंड में कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी।
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23-24 दिसंबर को हवा की रफ्तार बढ़ने से मामूली राहत की उम्मीद।






