Students Visa Papers Found Fake: फर्जी वीज़ा दस्‍तावेजों के चलते कनाडा सरकार 700 भारतीय छात्रों को कर सकती है डिपोर्ट 

Students Visa Papers Found Fake: आजकल लोगों को बहार जाकर शिक्षा करने का बहुत क्रेज छाया हुआ है। ये बात सच भी है कि जहां लोग अपने अच्छे भविष्य के लिए विदेश जाकर पढ़ते है तो उनकी यही शिक्षा उनका करियर अच्छा बनाती है। कुछ लोग तो विदेशों में ही बस जाता है और कुछ वापिस अपने देश आकर अपने देश के लिए अच्छी नौकरियां करते है। विदेशों में पढ़ने के लिए ज़्यादातर छात्र पंजाब से जाते है और इन छात्रों को बाहर जाने के लिए अच्छे एजेंट की मदद लेनी पड़ती है जो उनकी वीसा फायलिंग कर सके पर कभी-कभी ऐसे मामलो में धोखा भी हो जाता है जब आपके दस्तावेज़ नकली हो। कुछ ऐसा ही हुआ है जिसकी वजह से कनाडा में 700 से अधिक भारतीय छात्रों को निर्वासन (Deport) का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि उत्तर अमेरिकी देश में अधिकारियों ने शैक्षणिक संस्थानों में उनके ‘प्रवेश प्रस्ताव पत्र’ को नकली पाया है। उन्हें हाल ही में कनाडा की सीमा सुरक्षा एजेंसी (CBSA) से निर्वासन पत्र मिला है।

जलंधर के इमीग्रेशन डिपार्टमेंट का है ये मामला 

आपको बतादें कि इन 700 छात्रों की इस हालत के पीछे बृजेश मिश्रा नाम के शख्स का नाम सामने आया है जो की जलंधर में एक एजुकेशन इमीग्रेशन सर्विस चलाता है। इन 700 छात्रों ने इसी के माध्यम से स्टडी वीजा के लिए आवेदन किया था। मिश्रा ने इसके लिए हर एक छात्र से 16-16 लाख रुपये लिया था। इसमें कनाडा के प्रीमियर इंस्टीट्यूट हंबर कॉलेज में एडमिशन फीस शामिल थी। हालांकि, इस 16 लाख में एयर टिकट और सिक्योरिटी डिपोजिट शामिल नहीं था। 

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साल 2018-19 के दौरान विदेश गए थे छात्र 

ये एडमिशन ऑफर लेटर 5 साल पुराने हैं, जब ये छात्र 2018-19 में पढ़ाई करने के लिए कनाडा गए थे। इस फ्रॉड का खुलासा तब हुआ जब छात्रों ने कनाडा में स्थायी निवास के लिए आवेदन किया। इसके बाद सीबीएसए (CBSA) ने इन एडमिशन ऑफर लेटर्स की जांच की तो पाया कि ये फर्जी है। इन ऑफर्स लेटर्स की वजह से ही छात्रों को वीजा दिया गया था। विदेश पढ़ने गए ये छात्र अपनी पढ़ाई पूरी कर चुके है और इन्हे वर्क परमिट मिल गया है इसके आलावा वर्क एक्सपीरियंस भी हासिल हो गया है ये सारी समस्या तब खड़ी हुई,  जब छात्रों द्वारा पीआर (PR) के समय जब कनाडाई सीमा सुरक्षा एजेंसी ने उनके दस्तावेजों की जांच की, तो यह पता चला कि एजेंट द्वारा छात्रों को प्रदान किए गए ऑफर लेटर फर्जी थे। इसलिए इन सभी छात्रों को डिपोर्ट करने के लिए पत्र या नोटिस जारी किए गए हैं।

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विदेश पहुंच कर छात्रों ने बदले थे कॉलेज

700 लोगों में शामिल जालंधर की रहने वाली एक छात्रा ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया है कि उसने कनाडा के सरकारी कॉलेज से डिप्लोमा किया है। उसने बताया कि वीजा के समय उसे निजी कॉलेज दिया गया था लेकिन उसने सरकारी कॉलेज पर जोर दिया जिसके बाद एजेंट ने उसे नए कॉलेज में एडमिशन दिलाया. काउंसलर ने उससे कहा था कि वह कनाडा पहुंचकर कॉलेज बदल सकती है। इसके दौरान कई छात्रों ने कहा कि उनकी फीस एजेंट ने वापस कर दी जिसके चलते उन्होंने दूसरे कॉलेज में एडमिशन लिया। लेकिन कनाडा सरकार को इसकी जानकारी नहीं दी। छात्रों ने कहा कि फीस लौटाने की वजह से उन्हें एजेंट के बारे में शक नहीं हुआ। 

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