ओटीटी हमारे लिए चैलेंज है. यह हमें एक साथ कई मौका भी देता है. ओटीटी प्लेटफॉर्म पर शाहरुख खान हों, पंकज त्रिपाठी हों, श्रीधर दुबे हो या कोई और, सब बराबर हैं. इसमें राइटर के लिए बड़ा स्कोप है. वहीं, सिनेमा के लिए काफी स्कोप बढ़ गया है, क्योंकि जब कोई नया कंपटीटर आता है, तो आप बड़ा आकार ले सकते हैं. सिनेमा हमेशा रहा है और रहेगा. मायने बदलेगा, पिक्चर का तरीका बदलेगा, बड़ी फिल्में बनेंगी.
पंजाब में लगातार बढ़ता जा रहा है आम आदमी पार्टी का कुनबा, कई बड़े नेता आप में हुए शामिल
चंडीगढ़, 18 मई (The News Air) आम आदमी पार्टी (आप) का कुनबा लगातार बढ़ता ही जा रहा है, रविवार के...