Bangladesh Demands Sheikh Hasina Extradition From India : बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को सजा-ए-मौत सुनाए जाने के बाद अब मोहम्मद यूनुस सरकार ने भारत को एक तरह से ‘धमकी’ दे डाली है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत को एक औपचारिक पत्र लिखकर फरार आरोपी शेख हसीना को देश लौटाने की मांग की है।
शेख हसीना को ढाका के अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्रिब्यूनल (ICT) ने मानवता के खिलाफ अपराधों का दोषी पाते हुए सजा-ए-मौत दी है।
‘प्रत्यर्पण संधि का दिया हवाला’
बांग्लादेश सरकार की तरफ से यह पहली बार है जब भारत को लेकर इतना बड़ा और सख्त बयान सामने आया है।
विदेश मंत्रालय द्वारा भेजे गए पत्र में दोनों देशों के बीच मौजूद “प्रत्यर्पण समझौता” (Extradition Treaty) का हवाला दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि इस समझौते के तहत भारत पर शेख हसीना को वापस भेजने की “अनिवार्य जिम्मेदारी” बनती है।
‘शरण देना ‘अमित्रतापूर्ण कदम”
यह पत्र आईसीटी का फैसला आने के ठीक बाद भेजा गया है। पत्र में साफ तौर पर चेतावनी दी गई है कि जिन व्यक्तियों को मानवता के खिलाफ अपराधों में दोषी पाया गया है, उन्हें अगर कोई अन्य देश शरण देता है, तो इसे “अमित्रतापूर्ण कदम” (unfriendly act) माना जाएगा।
बांग्लादेश ने स्पष्ट किया है कि भारत अगर हसीना को शरण देता है या उन्हें वापस भेजने में देरी करता है, तो यह दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों (Bilateral Relations) पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है। इसे “न्याय की अवहेलना” (violation of justice) भी कहा गया है।
‘भारत में सुरक्षित हैं शेख हसीना’
शेख हसीना पिछले 15 महीनों से भारत में रह रही हैं। कुछ समय पहले उनके बेटे ने भी कहा था कि उनकी मां भारत में “बहुत सुरक्षित” हैं और वहां की सुरक्षा एजेंसियां उनकी सुरक्षा में बड़ी भूमिका निभा रही हैं।
‘फैसले पर भड़कीं शेख हसीना’
वहीं, सजा-ए-मौत के इस फैसले पर शेख हसीना की भी पहली प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने इस फैसले को “गलत, पक्षपाती और राजनीति से प्रेरित” बताया है।
हसीना ने कहा, “यह फैसला ऐसे ट्रिब्यूनल ने दिया है, जिसे गैर-निर्वाचित सरकार (यूनुस सरकार) चला रही है। उनके पास जनता का कोई जनादेश है ही नहीं।” उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में उनका पक्ष ही नहीं सुना गया।
‘बांग्लादेश में हिंसा का दौर शुरू’
अदालत का फैसला आते ही बांग्लादेश में शेख हसीना के समर्थकों और आवामी लीग के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कई जगहों से आगजनी और हिंसा की खबरें आ रही हैं, जिससे देश में एक बार फिर पुराने जैसे हालात बनने की आशंका पैदा हो गई है।
यूनुस सरकार ने पहले ही चेतावनी दी थी कि फैसला आने के बाद अगर कोई आगजनी या हिंसा करता है, तो उसे “सीधा गोली मार दी” जाएगी।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
-
बांग्लादेश सरकार ने भारत को औपचारिक पत्र लिखकर शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है।
-
यूनुस सरकार ने चेतावनी दी है कि दोषी हसीना को शरण देना ‘अमित्रतापूर्ण कदम’ माना जाएगा।
-
शेख हसीना ने मौत की सजा को ‘राजनीति से प्रेरित’ और ‘पक्षपाती’ फैसला बताया है।
-
फैसला आने के बाद बांग्लादेश में हसीना समर्थकों ने आगजनी और हिंसा शुरू कर दी है।






