जम्मू-कश्मीर के पहले UPSC टॉपर शाह फैसल (IAS officer Shah Faesal) ने राजनीति छोड़कर नौकरशाही में दोबारा क़दम रख दिया है। केंद्र सरकार ने शाह फैसल के इस्तीफ़ा वापस लेने के आवेदन को स्वीकार कर उन्हें सेवा में बहाल कर दिया है। इसके बाद जल्द ही उनकी अगली नियुक्ति की घोषणा जाएगी। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
बता दें कि जनवरी 2019 में अपना इस्तीफ़ा सौंपकर फैसल ने अपनी ख़ुद की राजनीतिक पार्टी जम्मू और कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (JKPM) बनाने का ऐलान किया था। उनको तत्कालीन राज्य जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को निरस्त करने के तुरंत बाद कड़े सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत 4 अगस्त, 2019 को हिरासत में लिया गया था।
शाह फैसल ने देश में बढ़ती असहिष्णुता को लेकर जनवरी 2019 में सरकारी नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद मार्च में उन्होंने ख़ुद की पार्टी जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट बनाई थी। अधिकारियों ने बताया कि शाह फ़ैसला का इस्तीफ़ा स्वीकार नहीं किया गया था।
सिविल सेवा नें शामिल होने के दिए थे संकेत
रिहाई के बाद, फैसल ने राजनीति छोड़ दी और सरकारी सेवा में फिर से शामिल होने की अपनी इच्छा के संकेत देने शुरू कर दिए थे। डॉक्टर से नौकरशाह बने फैसल ने जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक राजनीति को पुनर्जीवित करने के लिए अपनी पार्टी बनाई, लेकिन उनका राजनीतिक करियर अचानक समाप्त हो गया।
एक इंटरव्यू में फैसल ने कहा था कि IAS छोड़ने के तुरंत बाद, मुझे एहसास हुआ कि मेरे असंतोष के सहज कार्य को देशद्रोह के कार्य के रूप में देखा जा रहा था। इसने लाभ से अधिक नुक्सान किया था और मेरे कार्य ने बहुत से सिविल सेवा प्रतिभागियों को हतोत्साहित किया और मेरे सहयोगियों ने ख़ुद को ठगा हुआ महसूस किया। इसने मुझे बहुत परेशान किया।
अधिकारियों ने कहा कि फैसल की सेवाओं को जम्मू-कश्मीर के सामान्य प्रशासन विभाग के अधीन रखा गया है, उन्होंने कहा कि वह पोस्टिंग के आदेशों का इंतज़ार कर रहे हैं। मंत्रालय (जो अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) कैडर के लिए कैडर नियंत्रण प्राधिकरण है) ने इस्तीफ़ा वापस लेने की उनकी याचिका के बारे में जम्मू-कश्मीर प्रशासन से राय माँगी थी।