Rajona Death Sentence | SGPC Meeting | Supreme Court Case | Punjab News : पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री बेअंत सिंह की हत्या के दोषी बलवंत सिंह राजोआणा के मामले में नया मोड़ आया है। Supreme Court Hearing 15 अक्टूबर को नहीं होगी — यह दावा शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने सोमवार को अंतरिम बैठक के बाद किया।
SGPC के अनुसार, केस उस दिन की सुप्रीम कोर्ट लिस्ट में शामिल नहीं है और अब इसके आगे खिसकने की संभावना है।
SGPC का दल जाएगा पटियाला जेल
SGPC ने बताया कि मंगलवार को संगठन का एक प्रतिनिधिमंडल पटियाला जेल जाकर Balwant Singh Rajoana से मुलाकात करेगा। इसके लिए जेल प्रशासन से अनुमति मिल चुकी है।
इस प्रतिनिधिमंडल में SGPC प्रधान हरजिंदर सिंह धामी भी शामिल होंगे। बैठक में यह निर्णय भी लिया गया कि 3 नवंबर को SGPC का जनरल इजलास (General House Meeting) बुलाया जाएगा, जिसमें प्रधान, उपप्रधान और सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों के चुनाव होंगे।
बैठक में लिए गए अन्य प्रमुख निर्णय
SGPC ने बैठक में कई सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर भी अहम फैसले किए।
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बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को बीज वितरण करने का निर्णय लिया गया है।
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डेरा बाबा नानक, बाबा बुढ़ा साहिब रमदास और श्री बेर साहिब जैसे पांच गुरुद्वारों में राहत केंद्र बनाए गए हैं।
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गुरुद्वारों की मरम्मत के लिए 50-50 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
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जम्मू-कश्मीर में पांच पवित्र Saroop Incident की घटना पर SGPC ने निंदा की और केंद्र सरकार से Section 295A Amendment (BNS Amendment) की मांग की, ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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इसके साथ ही, Khalsa College Mumbai को यूनिवर्सिटी का दर्जा देने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सप्ताह पहले केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि वह Balwant Singh Rajoana’s Mercy Petition पर 15 अक्टूबर तक निर्णय ले।
राजोआणा पिछले 29 वर्षों से जेल में बंद हैं और करीब 15 साल से Death Sentence का सामना कर रहे हैं। उनकी याचिका में कहा गया है कि दया याचिका (Mercy Plea) पर देरी के चलते उनकी सजा को Life Imprisonment में बदला जाना चाहिए। कोर्ट ने पहले भी कहा था कि यदि केंद्र सरकार इस मामले में फैसला नहीं लेती, तो सुप्रीम कोर्ट स्वयं अंतिम निर्णय करेगी।
Supreme Court का रुख और SGPC की सक्रियता
राजोआणा केस में सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान केंद्र से सख्त सवाल किए थे — “जब फांसी पर रोक नहीं थी, तो अब तक फांसी क्यों नहीं दी गई?”
इस सवाल के बाद केंद्र ने कोर्ट से समय मांगा था, और सुनवाई 15 अक्टूबर तक टाल दी गई थी। SGPC इस पूरे मामले में लगातार सक्रिय है और इसे धार्मिक भावना और न्याय से जुड़ा मुद्दा मानते हुए सरकार से निष्पक्ष फैसला चाहती है।
मुख्य बातें (Key Points Summary):
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SGPC का दावा — 15 अक्टूबर को बलवंत सिंह राजोआणा केस की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं होगी।
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SGPC का प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को पटियाला जेल में राजोआणा से मुलाकात करेगा।
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3 नवंबर को SGPC का जनरल इजलास बुलाया जाएगा, जिसमें नए प्रधान और पदाधिकारी चुने जाएंगे।
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SGPC ने जम्मू-कश्मीर सरूप अग्निकांड पर केंद्र से BNS Amendment की मांग की है।
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि 15 अक्टूबर तक Mercy Petition पर निर्णय लिया जाए।






