Bengaluru Suitcase Murder Case – कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) के डोड्डाकम्मनहल्ली (Doddakamanahalli) क्षेत्र में हुई सनसनीखेज सूटकेस मर्डर केस (Suitcase Murder Case) में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। आरोपी राकेश खेडेकर (Rakesh Khedekar) ने स्वीकार किया है कि उसने अपनी पत्नी गौरी साम्ब्रेकर (Gauri Sambarekar) की हत्या एक मराठी गाने और व्यक्तिगत झगड़ों के कारण की।
राकेश, जो एक निजी फर्म में वरिष्ठ परियोजना समन्वयक (Senior Project Coordinator) के रूप में कार्यरत था, ने 26 मार्च की रात गौरी की चाकू से हत्या कर दी। पुलिस को यह मामला तब उजागर हुआ जब राकेश ने खुद गौरी के भाई को फोन कर हत्या की बात कबूल कर ली। आरोपी को 2 अप्रैल को महाराष्ट्र (Maharashtra) के शिरवाल (Shirwal) इलाके से गिरफ्तार किया गया।
गौरी के व्यवहार से था परेशान
पूछताछ के दौरान राकेश ने बताया कि वह लगातार गौरी द्वारा अपने माता-पिता और बहन के अपमान से परेशान था। राकेश के अनुसार, गौरी चाहती थी कि वे मुंबई (Mumbai) वापस लौट जाएं क्योंकि उसे बेंगलुरु में नौकरी नहीं मिल रही थी। स्कूल के दिनों से ही गौरी का राकेश पर दबदबा था, लेकिन वह उसे बहुत प्यार करता था।
मराठी गाना बना हत्या की वजह
26 मार्च की शाम दोनों ने साथ में समय बिताया और फिर घर लौटने के बाद शराब व नाश्ता लिया। रात करीब 7:30 बजे वे घर पहुंचे। दोनों गानों की अदला-बदली कर रहे थे, जब गौरी ने एक मराठी गाना बजाया जिसमें पिता-पुत्र के रिश्ते की बात थी। इस गाने पर उसने राकेश का मजाक उड़ाया, हवा फूंकी और चिढ़ाया। गुस्से में राकेश ने उसे धक्का दिया जिससे वह रसोई के पास गिर गई। जब उसने चाकू उठाकर राकेश पर फेंका, तब राकेश ने चाकू से उसके गले में दो और पेट में एक वार किया। यह हमला रात 8:45 से 9 बजे के बीच हुआ।
हत्या के बाद की तैयारी
गौरी ने पहले ही मुंबई जाने के लिए सूटकेस खाली किया था। हत्या के बाद राकेश ने उसकी नब्ज देखी और शव को उसी सूटकेस में डाल दिया। जब वह शव को बाथरूम तक खींच रहा था तो सूटकेस का हैंडल टूट गया। उसने खून बहने से बचाने के लिए सूटकेस को बाथरूम के ड्रेनेज आउटलेट के पास रखा और फिर घर की सफाई कर रात करीब 12:45 बजे वहां से भाग निकला।
आखिरकार पकड़ा गया आरोपी
राकेश महाराष्ट्र के शिरवाल भाग गया लेकिन पुलिस ने उसे वहीं से पकड़ लिया। यह घटना न केवल वैवाहिक जीवन में उपेक्षा और अपमान के परिणामों को दर्शाती है, बल्कि यह भी बताती है कि किस तरह छोटी बातें भी हिंसक मोड़ ले सकती हैं।