Rajvir Jawanda Death Case में सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में अहम सुनवाई हुई, जहां कोर्ट ने पंजाब सरकार, हरियाणा सरकार, केंद्र सरकार, चंडीगढ़ प्रशासन और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यह कदम सीनियर वकील नवकिरण सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उठाया गया। याचिका में पिंजौर स्थित एक निजी अस्पताल पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। दावा किया गया कि 27 सितंबर को हादसे के बाद जब पंजाबी गायक राजवीर जवंदा को वहां लाया गया, तब उन्हें तत्काल प्राथमिक उपचार नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता का कहना है कि अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो शायद उनकी जान बचाई जा सकती थी।
राजवीर जवंदा, जो पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के लोकप्रिय गायकों में से एक थे, 27 सितंबर को शिमला की ओर जाते समय हादसे का शिकार हुए थे। बद्दी के पास उनकी बाइक के सामने अचानक दो आवारा मवेशी आ गए, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। पहले उन्हें पिंजौर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मोहाली के फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया। वहां करीब दस दिनों तक वेंटिलेटर पर रहने के बाद 8 अक्टूबर को उनका निधन हो गया।
इस घटना के बाद प्रशंसकों और कलाकारों में शोक की लहर दौड़ गई थी। अब कोर्ट द्वारा अस्पताल की भूमिका पर उठे सवालों ने मामले को नया मोड़ दे दिया है।
SGPC Hearing Update & Legal Perspective:
हाईकोर्ट ने कहा है कि इस मामले में सभी संबंधित पक्षों से जवाब मिलने के बाद अगली सुनवाई तय की जाएगी। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि स्वास्थ्य संस्थानों की जवाबदेही तय करना जरूरी है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
मुख्य बातें (Key Points):
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राजवीर जवंदा की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, केंद्र और NMC को नोटिस भेजा।
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याचिका में पिंजौर के निजी अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगाया गया।
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हादसा बद्दी के पास दो आवारा मवेशियों के कारण हुआ था।
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जवंदा का निधन 8 अक्टूबर को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में हुआ।






