चंडीगढ़, 07 नवंबर (The News Air) पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार के सामने बिजली और शहरी विकास से संबंधित राज्य की मांगों को मजबूती से रखा है। आज यहां पंजाब भवन में आवास एवं शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह मुंडिया, बिजली मंत्री हरभजन सिंह ई टी ओ और स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. रवजोत सिंह के नेतृत्व में राज्य सरकार के प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से तर्क और तथ्यों के साथ अपनी मांगें रखीं, जिन पर केंद्रीय मंत्री ने पंजाब के पक्ष में सकारात्मक रुख अपनाने का विश्वास जताया।
आज बिजली और आवासीय शहरी विकास विभागों से संबंधित केंद्र सरकार के मामलों पर तालमेल समिति की बैठक हुई। पंजाब के कैबिनेट मंत्रियों ने कहा कि मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्य सरकार विभिन्न विकास कार्यों को गति दे रही है। इन दोनों विभागों से संबंधित लंबित मांगों को शीघ्र पूरा किया जाए।
पंजाब ने केंद्र के सामने यह मांग रखी कि भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बी बी एम बी) में पंजाब राज्य से बिजली सदस्य लगाने की परंपरा को बनाए रखते हुए 2022 में किए गए संशोधित किए नियमों में बदलाव की मांग की। पंजाब का कहना था कि नई शर्तों के अनुसार राज्य से कोई योग्य उम्मीदवार नहीं मिलेगा। इसी तरह हिमाचल प्रदेश स्थित शानन परियोजना पर पंजाब ने अपना पूर्ण हक जताते हुए कहा कि पंजाब पुनर्गठन कानून के तहत इस परियोजना पर उसका ही हक है। अधिक बिजली की आवश्यकता और पंजाब के हाइडल और थर्मल पावर परियोजनाओं की सीमित क्षमता को देखते हुए पंजाब ने यह मांग की कि केंद्रीय संयंत्रों से राज्य को लंबे समय तक बिजली आपूर्ति की जाए।
बैठक के दौरान पंजाब ने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि के लिए सब्सिडी वाले सौर पंपों की क्षमता बढ़ाने की मांग की, और इन्हें कम से कम 15 हॉर्सपावर करने की अपील की। पंजाब की खननो से राज्य में तलवंडी साबो, नाभा स्थित निजी थर्मल पावर संयंत्रों के लिए कोयला बदलने की अनुमति देने की भी मांग की। नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के लिए सात पैसे प्रति यूनिट के व्यापारिक मार्जिन में कमी की मांग की गई। पंजाब ने आर डी एस योजना में समय सीमा बढ़ाने की भी मांग की क्योंकि यह योजना राज्य में देर से शुरू हुई है। धान की पराली से बिजली उत्पादन करने वाले संयंत्रों को बायो गैस संयंत्रों जैसी सब्सिडी देने की भी मांग की गई। इसी तरह छतों पर लगाए जाने वाले सौर परियोजनाओं की क्षमता बढ़ाने की भी मांग की गई।
शहरी विकास से संबंधित चर्चा के दौरान पंजाब ने सुलतानपुर लोधी स्मार्ट सिटी परियोजना की समय सीमा बढ़ाने की मांग की। पंजाब का कहना था कि यह परियोजना बाकी तीन स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के बाद आवंटित की गई थी, जिसके कारण इसकी समय सीमा 31 मार्च 2025 से कम से कम दो साल बढ़ाई जाए। इसी तरह प्रदूषण मुक्त वाहनों और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को प्रोत्साहित करने के लिए चंडीगढ़ से जुड़ी पंजाब की अन्य क्षेत्रों जैसे मोहाली-ज़ीरकपुर को एक क्लस्टर बनाकर इसे ई-बस सेवा परियोजना में शामिल करने की मांग की गई।
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने पंजाब की कई मांगों पर सिद्धांतिक सहमति देते हुए इन पर सकारात्मक रुख अपनाने का विश्वास जताया।
बैठक में केंद्रीय सरकार की ओर से सचिव बिजली पंकज अग्रवाल, संयुक्त सचिव बिजली मोहम्मद अफ़ज़ल, बी बी एम बी के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी, शहरी और आवासीय विकास मंत्रालय के ओ एस डी जैदीप और निदेशक अमरुत गुरजीत सिंह ढिल्लो और पंजाब की ओर से अतिरिक्त मुख्य सचिव स्थानीय निकाय तेजवीर सिंह, सचिव आवास और शहरी विकास और बिजली राहुल तिवाड़ी, विशेष सचिव स्थानीय निकाय दीपती उप्पल, निदेशक स्थानीय निकाय गुरप्रीत सिंह खैहरा, विशेष सचिव आवास और शहरी विकास अपनीत रियात, पुड्डा के सी ए नीरी कत्याल, पी एस पी सी एल के सी एम डी इंजीनियर बलदेव सिंह सरां उपस्थित थे।