चंडीगढ़, 18 जून (The News Air)
पंजाब कांग्रेस पार्टी में जहां अंदरूनी कलह चल रहे हैं, जिसको सुलझाने के लिए हाई कमांड हर संभव यत्न कर रही है। तो एक ओर यह ख़बर सामने आ रही है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य सभा मैंबर प्रताप सिंह बाजवा के साथ गुप्त बैठक की हैं।
उधर कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ प्रताप बाजवा की मीटिंग के लेकर हो रही चर्चाओं पर विराम चिन्ह लगाते बाजवा ने कहा कि अभी कोई भी ऐसी मुलाक़ात नहीं हुई। उन्होंने कहा कि जो आगामी दिनों में हाई कमांड फ़ैसला सुनाएगी, उसको स्वीकार किया जाएगा।
प्रताप बाजवा ने कहा कि आज पंजाब का हर वर्ग उनके साथ किए वायदों को पूरा होते देखना चाहता है। उन्होंने कहा कि कोटकपूरा फायरिंग मामले में सारी कांग्रेस पार्टी चाहती है कि दोषियों के ख़िलाफ़ एक महीने के अंदर-अंदर कार्रवाई होनी चाहिए।
इस दौरान नवजोत सिद्धू को किसी पद देने के बारे पूछे गए सवाल पर बाजवा ने कहा कि वह बिल्कुल चाहते हैं कि नवजोत सिद्धू को कोई पद मिले, परन्तु सबसे पहले सीन्योरिटी के हिसाब से बाक़ियों के नंबर भी लगने चाहिए हैं। हर एक को सीन्योरिटी के हिसाब के साथ ज़रूर पद मिलने चाहिए हैं।
उधर यह बताया जा रहा है कि जब कैप्टन अमरिंदर सिंह प्रताप सिंह बाजवा के गृह पहुँचे तो उनसे पहले महारानी परनीत कौर भी वहाँ पहुंचे हुए थे, बता दें क इन दोनों का मेल करवाने में जसबीर सिंह डिम्पा ने अहम भूमिका निभाई है। इस ख़ास मुलाक़ात का बड़ा कारण पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू भी माना जा रहा है। यह भी कहा जा रहा है कि सिद्धू की तरफ़ से यह स्पष्ट किया गया है कि वह कैप्टन सरकार के साथ काम नहीं करेंगे।
दूसरी ओर कैप्टन विरुद्ध बगावती सुरों को अलापने वाले मंत्रियों को कैबिनेट मीटिंग से पहले ग़ैर रस्मी मुलाक़ात ने भी मंत्री सुखजिंदर रंधावा, सुख सरकारिया की तरफ़ से चीफ़ प्रिंसिपल सैक्ट्री का विरोध करने और उनकी यह बात मान ली गई कि वह मीटिंग में शामिल नहीं होंगे। उधर दूसरी तरफ़ बाजवा बेशक खुलेआम कैप्टन का विरोध करते हैं, परन्तु उन्होंने सिद्धू की वकालत कभी नहीं की। इस मामले से यह लग रहा है कि ज़रूर इनमें कोई न कोई खिचड़ी पक रही है।
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