Policybazaar Shares : पॉलिसीबाजार और पैसाबाजार की पैरेंट कंपनी पीबी फिनटेक (PB Fintech) में मंगलवार को बीएसई पर इंट्राडे में 14 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली। दरअसल कंपनी के चेयरमैन और सीईओ यशीश दहिया (Yashish Dahiya) की कंपनी की 3.77 फीसदी हिस्सेदारी बेचने से जुड़ी खबर सामने आने के बाद उसके शेयर को झटका लगा है। दोपहर 1 बजे पीबी फिनटेक का शेयर 13.54 फीसदी गिरकर 569 रुपये पर कारोबार कर रहा है।
कंपनी ने एक्सचेंज फाइलिंग में क्या कहा
PB Fintech ने स्टॉक एक्सचेंज में दी एक फाइलिंग में कहा, कंपनी को चेयरमैन और सीईओ यशीश दहिया से यह सूचना मिली है कि उनका स्टॉक एक्सचेंजेस पर बल्क डील्स के जरिये 37,69,471 इक्विटी शेयर बेचने का इरादा है।
31 मार्च, 2022 तक, यशीश दहिया पर कंपनी में कुल शेयरहोल्डिंग 1.9 करोड़ (4.23 फीसदी) शेयरों की थी और मई, 2022 में 55 लाख ईसॉप मिलने के बाद उनकी शेयरहोल्डिंग 2.452 करोड़ शेयरों (5.45 फीसदी) की हो गई।
टैक्स चुकाने के लिए शेयर बेचने की योजना
कंपनी ने कहा, ईसॉप्स के इस्तेमाल पर शेयरों की बिक्री से होने वाले कैपिटल गेन टैक्स के भुगतान के अलावा टैक्स का भुगतान करना होता है। इसीलिए, इस बिक्री से मिलने वाली धनराशि को मौजूदा और भविष्य के टैक्स के भुगतान में इस्तेमाल किया जाएगा। कंपनी ने कहा कि इन शेयरों के अल्वा उनके शेयर बेचने की कोई योजना नहीं है।
पीबी फिनटेक नवंबर, 2021 में 5,710 करोड़ रुपये का IPO लेकर आई थी। इश्यू के जरिए कोफाउंडर्स और शेयरहोल्डर्स ने अपनी हिस्सेदारी घटाई थी।
छह महीने 49 फीसदी टूटा शेयर
यह शेयर इस समय 5 दिन, 20 दिन, 50 दिन, 100 दिन और 200 दिन के मूविंग एवरेज से नीचे कारोबार कर रहा है। 2022 में शेयर 36.3 फीसदी तक टूट चुका है।
पिछले छह महीने में बाजार की तुलना में बेहद कमजोर प्रदर्शन करते हुए अपने इनवेस्टर्स को 49 फीसदा का नुकसान पहुंचा चुका है। वहीं, पिछले छह महीने में एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स में 4 फीसदी की कमजोरी आई है।
अब क्या करें निवेशक
स्वास्तिका इनवेस्टमार्ट के हेड ऑफ रिसर्च संतोष मीणा ने कहा, “पीबी फिनटेक लि. की लिस्टिंग के समय उसकी वैल्यू 46.40 गुने पीई पर हुई थी और उसके बाद आई गिरावट के बावजूद यह महंगा है। कंपनी का बिजनेस खासा प्रतिस्पर्धी है, क्योंकि इसमें एंट्री की कोई बाधा नहीं है। वहीं वित्त वर्ष 22 में रेवेन्यू बढ़ने के बावजूद कंपनी घाटे में चल रही है। मौजूदा परिदृश्य में बिना प्रॉफिटेबिलिटी के चल रही कंपनियों के शेयरों पर खासा दबाव बना हुआ है।”