RSS Contribution in India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की सराहना करते हुए कहा कि यह संगठन पिछले 100 वर्षों से देश की महान संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का काम कर रहा है। दिल्ली के विज्ञान भवन (Vigyan Bhawan) में आयोजित 98वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन (All India Marathi Literary Conference) में उद्घाटन समारोह के दौरान प्रधानमंत्री ने यह बात कही।
उन्होंने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि उनके जैसे लाखों लोगों को RSS ने देश सेवा के लिए प्रेरित किया। पीएम मोदी ने मराठी भाषा की तारीफ करते हुए कहा कि यह भाषा “अमृत से भी अधिक मीठी है” और वह हमेशा इसे सीखने का प्रयास करते रहे हैं।
मराठी भाषा और परंपरा से RSS के कारण जुड़ाव
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि RSS ने उन्हें मराठी भाषा और परंपरा से जुड़ने का अवसर दिया है। यह सम्मेलन ऐसे समय में हो रहा है जब छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) के राज्याभिषेक की 350वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। इसके साथ ही अहिल्याबाई होल्कर (Ahilyabai Holkar) की जयंती का 300वां वर्ष और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर (B.R. Ambedkar) के बनाए संविधान की 75वीं वर्षगांठ भी हाल ही में पूरी हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र की धरती पर एक मराठी भाषी महापुरुष ने 100 वर्ष पहले इस संगठन की स्थापना की थी, जो आज एक वट वृक्ष की तरह देशभर में फैला हुआ है।
देशभक्ति की प्रेरणा देता है RSS
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि वेद (Vedas) से लेकर स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda) तक, भारत की महान परंपरा और संस्कृति को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का कार्य RSS कर रहा है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि लाखों लोगों को इस संगठन से देश सेवा की प्रेरणा मिली है।
मराठी को शास्त्रीय भाषा का दर्जा देने का सौभाग्य
प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिए जाने का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि देश और दुनिया भर में फैले 12 करोड़ मराठी भाषी लोगों का यह सपना दशकों से अधूरा था, जिसे पूरा करने का अवसर उन्हें मिला।
उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन केवल एक भाषा या राज्य तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें महाराष्ट्र और भारत की सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिलती है।