जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के नासिक के लासलगांव एपीएमसी में प्याज के किसानों ने प्याज के कम थोक मूल्य के कारण आज नीलामी रोक दी। महाराष्ट्र राज्य प्याज उत्पादक संघ ने भी सरकार के खिलाफ धरना दिया। बता दें कि पिछले कई दिनों से किसानों की मांग है कि प्याज के दाम में इजाफा हो। इसको लेककर किसानों ने सरकार के खिलाफ विरोध भी जताया।
एक किसान ने कहा कि हमें प्याज उगाने के लिए प्रति एकड़ 50,000 रुपये की लागत आती है, जबकि हम बेची गई उपज के लिए केवल 10,000-20,000 रुपये ही कमाते हैं। यह एक बिंदु पर आ गया है कि हम आत्महत्या पर विचार कर रहे हैं। एक किसान का कहना है कि मोदी सरकार को हमारी मदद करनी चाहिए।
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गौरतलब है कि, इस साल महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश में भी प्याज की बंपर पैदावार देखने को मिली है। जिससे दूसरे राज्यों में महाराष्ट्र के प्याज की मांग अब पहले की अपेक्षा कम हो गई है। इसलिए महाराष्ट्र के किसानों को इस बार पिछले साल से भी कम दाम मिल रहा है। हालात ये हैं कि कहीं 1 तो कहीं 2 रुपये/किलो के रेट पर किसानों को प्याज बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है। जो लागत से बहुत ही कम है। प्याज़ उत्पादक संगठन के अनुसार उनकी लागत ही औसतन 20 रुपये/किलो तक पहुंच गई है। वहीं मामले पर व्यापारियों का कहना हैं कि वर्तमान में प्याज़ की उत्पादन में काफी बढ़ोतरी आई है। इस समय मंडियों में आवक अधिक पहुंच रही हैं।