Numerology Moolank Calculation का सीधा संबंध आपके जन्म की तारीख से है। यह केवल एक संख्या नहीं, बल्कि आपके व्यक्तित्व और भविष्य का आईना है। अंक ज्योतिष में 1 से लेकर 9 तक के ये ‘मूल अंक’ तय करते हैं कि आप साहसी नेता बनेंगे या एक महान योजनाकार।
दुनिया की कोई भी जन्म तारीख हो, उसका जोड़ अंततः 1 से 9 के बीच ही आता है। यही अंक आपका मूलांक कहलाता है और आपके जीवन की दिशा तय करता है।
‘क्या है मूलांक का गणित?’
मूलांक का शाब्दिक अर्थ है ‘मूल अंक’। इसे निकालना बेहद आसान है। उदाहरण के लिए, अगर किसी का जन्म 26 तारीख को हुआ है, तो उसका मूलांक जानने के लिए 2 और 6 को जोड़ दें (2+6=8), यानी मूलांक 8 हुआ। इसी तरह 10 तारीख को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 1 (1+0=1) होगा। नौ सबसे बड़ी मूलांक संख्या है और हर संख्या अंततः नौ के भीतर ही सिमट जाती है।
‘सूर्य से बृहस्पति तक: अंकों का स्वभाव’
हर मूलांक एक ग्रह से जुड़ा है। मूलांक 1 (जन्म तारीख 1, 10, 19) सूर्य का अंक है। ऐसे लोग साहसी, आत्मविश्वासी और नेतृत्व क्षमता वाले होते हैं। मूलांक 2 (जन्म तारीख 2, 11, 20) चंद्रमा का है। ये लोग बेहतरीन योजनाकार (Good Planner) होते हैं, जिनकी रणनीतियों को भेदना आसान नहीं होता।
मूलांक 3 (जन्म तारीख 3, 12, 21, 30) बृहस्पति का अंक है। इस तारीख में जन्मे लोग विद्वान, कर्मनिष्ठ और धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं।
‘राहु, बुध और शुक्र का प्रभाव’
मूलांक 4 (जन्म तारीख 4, 13, 22, 31) राहु का है। अगर कुंडली में राहु अच्छा है तो जीवन ऐश्वर्यमय होता है, वरना तनाव और अवसाद बना रहता है। मूलांक 5 (जन्म तारीख 5, 14, 23) बुध का है, जो बुद्धि और वाणी का कारक है। ऐसे लोग अच्छे वक्ता होते हैं और उनकी आवाज में जादू होता है।
मूलांक 6 (जन्म तारीख 6, 15, 24) शुक्र से प्रभावित है। ये लोग लग्जरी लाइफ, ग्लैमर, फैशन और महंगे शौक रखने वाले होते हैं।
‘शनि और मंगल का सच’
मूलांक 7 (जन्म तारीख 7, 16, 25) केतु का है। केतु अच्छा हो तो व्यक्ति सिद्ध महापुरुष बनता है, बुरा हो तो नसों की बीमारी देता है। मूलांक 8 (जन्म तारीख 8, 17, 26) शनि का है, जिससे लोग अक्सर डरते हैं। लेकिन यह इतना बुरा नहीं होता। शनि अगर उच्च का हो तो व्यक्ति को चक्रवर्ती राजा भी बना सकता है।
मूलांक 9 (जन्म तारीख 9, 18, 27) मंगल का है, जो साहस और क्रोध का प्रतीक है। ये लोग मुंहफट होते हैं और बात दिल में नहीं रखते। हालांकि, अगर मंगल कमजोर हो तो ऐसे लोग डरपोक भी हो सकते हैं।
‘किन पर लागू होगी भविष्यवाणी?’
यह समझना जरूरी है कि मूलांक का यह फलादेश मुख्य रूप से 18 से 60 साल के क्रियाशील लोगों पर सटीक बैठता है। यह सांसारिक जीवन की चर्चा है, इसलिए बहुत छोटे बच्चों या बुजुर्गों पर इसका असर अलग हो सकता है। 18 साल के बाद लोग एक्टिव मोड में आते हैं और 60 तक रहते हैं, तभी इन ग्रहों का असली असर दिखता है।
‘जानें पूरा मामला’
यह जानकारी आने वाले साल 2026 के लिए अंक ज्योतिष की भविष्यवाणियों की बुनियाद है। सृष्टि इन्हीं मूलांकों के भंवर जाल में घूमती है। आने वाले समय में यह विश्लेषण किया जाएगा कि 2026 में 1 से 9 मूलांक वाले लोग किन परिस्थितियों से गुजरेंगे, खासकर वे जो जीवन के सबसे सक्रिय पड़ाव (18-60 वर्ष) में हैं।
‘मुख्य बातें (Key Points)’
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जन्म तारीख के अंकों को जोड़कर 1 से 9 के बीच का जो एकल अंक आता है, वही मूलांक है।
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मूलांक 1 से लेकर 9 तक, हर अंक एक विशिष्ट ग्रह (जैसे सूर्य, चंद्र, शनि) का प्रतिनिधित्व करता है।
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मूलांक 8 (शनि) से डरने की जरूरत नहीं है, यह राजा बनाने की क्षमता भी रखता है।
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यह अंक ज्योतिषीय विश्लेषण 18 से 60 वर्ष के बीच के सक्रिय लोगों के लिए सबसे सटीक माना जाता है।






